श्रीलंका (Sri Lanka) इन दिनों भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. जिसके चलते भोजन, दवा, रसोई गैस और ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी किल्लत हो गई है. पिछले दिनों इसी के चलते लोग सड़को पर उतर आए थे.
पिछले हफ्ते IMA का प्रतिनिधिमंडल भी श्रीलंका पहुंचा था. यह प्रतिनिधिमंडल बेलऑउट कार्यक्रम पर चर्चा करने यहां पहुंचा था. बता दें कि श्रीलंका का कुल विदेशी कर्ज 51 अरब डॉलर पहुंच गया है.
आर्थिक संकट का आकलन
इसी बीच भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा सहित भारत सरकार के चार वरिष्ठ अधिकारी बृहस्पतिवार को श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से मिलने और आर्थिक संकट का आकलन करने के लिए श्रीलंका पहुंचे हैं.
भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने कहा कि विदेश सचिव क्वात्रा ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ वी अनंत नागेश्वरन, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ और विदेश मामलों के अतिरिक्त सचिव कार्तिक पांडेय शामिल हैं.
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से करेंगे बात
अपनी यात्रा के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका की वित्तीय स्थिति का आकलन करने और यह समझने की कोशिश करेगा कि क्या इस देश को वित्तीय सहायता की एक और किस्त देने की जरूरत है. प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ बातचीत करेगा.
बता दें कि श्रीलंका 1948 में अपनी आजादी के बाद से सबसे भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह यात्रा 20 जून को नई दिल्ली में श्रीलंकाई दूत मिलिंडा मोरागोडा की विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई बैठकों के बाद तय हुई.
Last Updated on June 23, 2022 12:20 pm