सुप्रमी कोर्ट के वष्ठितम न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू. यू. ललित (Justice Uday Umesh Lalit) देश के अगले न्यायाधीश हो सकते हैं. मौजूदा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एन वी रमणा (N V Ramana) ने अगले CJI के लिए उनके नाम की सिफारिश की है. CJI रमणा ने अपना सिफारिशी पत्र कानून और न्याय मंत्री किरन रिजिजू (Union Law Minister को सौंप दिया है.
बता दें कि कानून मंत्री ने CJI को पत्र लिखकर उनसे अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने का अनुरोध किया था. (CJI) एन वी रमणा देश के 48वें न्यायाधीश हैं. 26 अगस्त को उनका कार्यकाल समाप्त हो जाएगा.
कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे
उच्चतम न्यायालय के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू. यू. ललित मुसलमानों में ‘तीन तलाक’ की प्रथा को अवैध ठहराने समेत कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं. न्यायमूर्ति ललित को 13 अगस्त 2014 को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. तब वह मशहूर वकील थे.
पहले वकील रह चुके हैं यू.यू ललित
न्यायमूर्ति यू. यू. ललित का जन्म 9 नवंबर, 1957 को हुआ था. न्यायमूर्ति ललित ने जून 1983 में एक वकील के रूप में नामांकन किया था और दिसंबर 1985 तक बॉम्बे उच्च न्यायालय में वकालत की थी. वह जनवरी 1986 में दिल्ली आकर वकालत करने लगे और अप्रैल 2004 में उन्हें शीर्ष अदालत द्वारा एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया.
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में कर चुके हैं सुनवाई
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सुनवाई के लिए उन्हें केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था. न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत एक मामले में बंबई उच्च न्यायालय के ‘त्वचा से त्वचा के संपर्क’ संबंधी विवादित फैसले को खारिज कर दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि यौन हमले का सबसे महत्वपूर्ण घटक यौन मंशा है, बच्चों की त्वचा से त्वचा का संपर्क नहीं.
Last Updated on August 4, 2022 6:58 am