बीते जमाने की जानी मानी अभिनेत्री आशा पारेख (veteran actress asha parekh) को 2020 के दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke award 2020) से सम्मानित किया जाएगा. 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान प्रदान किया जाएगा. इल बात की जानकारी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है. पारेश को यह पुरस्कार बॉलिवुड में उनके बेहतरीन योगदान के लिए दिया जाएगा.
22 सालों बाद अभिनेत्री को पुरस्कार
दादा साहेब पुरस्कार पाने वाली वह सातवीं अभिनेत्री है. इससे पहले यह पुरस्कार साल 2000 में आशा भोसले को दिया गया था. लगभग 22 सालों के बाद यह पुरस्कार किसी महिला को दिया जा रहा है. इससे पहले आशा भोसले, लता मंगेशकर, दुर्गा खोटे, कानन देवी, रूबी मेयर्स, देविका रानी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
हिंदी सिनेमा का सर्वोच्च पुरस्कार
बता दें कि दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार है. अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि आशा भोंसले, हेमा मालिनी, पूनम ढिल्लों, उदित नारायण और टीएस नागभरण की पांच सदस्यीय दादा साहेब फाल्के पुरस्कार समिति ने सम्मान के लिए पारेख का नाम चुना है.
मंत्री ने कहा, ‘उन्होंने बैठक में निर्णय लिया कि इस बार आशा पारेख जी को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.’
10 साल की उम्र में अभिनय की शुरूआत
आशा पारेख ने साल 1952 में आई फिल्म ‘आसमान’ से एक बाल कलाकार के रूप में अभिनय की शुरूआत की थी. तब वह महज 10 साल की थीं. इसके दो साल बाद बिमल रॉय की ‘बाप बेटी’ से चर्चा में आई थीं.
पारेख ने ‘दिल देके देखो’, ‘कटी पतंग’, ‘तीसरी मंजिल’ और ‘कारवां’ जैसी फिल्मों में बेहतरीन अदाकारी प्रस्तुत की. साल 1998-2001 तक पारेख केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की पहली महिला अध्यक्ष रहीं.
साल 2017 में उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘द हिट गर्ल’ पेश की, जिसका सह-लेखन फिल्म समीक्षक खालिद मोहम्मद ने किया था. उन्हें 1992 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था.
Last Updated on September 27, 2022 3:21 pm