असम-मेघालय सीमा (Assam-Meghalaya border dispute) पर एक बार खिर हिंसा की खबर सामने आई है. यह हिंसा मंगलवार को भड़की जिसमें एक वन रक्षक समेत दोनों राज्यों के 6 लोगों की मौत हो गई. घटना के पीछे की वजह असम के वन रक्षकों द्वारा अवैध रूप से काटी गई लकड़ियों से लदे एक ट्रक को रोका जाना बताया जा रहा है.
दोनों राज्यों में अलर्ट जारी
घटना के बाद मेघालय में सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई. जबकि असम पुलिस ने सीमावर्ती जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है और मामले की जांच उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने का भी आदेश दिया है.
वहीं समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार अधिकारियों ने दावा किया कि बुधवार को मेघालय के ग्रामीणों के एक समूह ने असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में एक वन कार्यालय में तोड़फोड़ की है और आग लगा दी है.
मेघालय के सीएम ने पीएम से की शिकायत
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा जो सत्ताधारी बीजेपी के सहयोगी है ने ट्वीटर पर प्रधानमंत्री. गृहमंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा को टैग करते हुए एक ट्वीट किया है जिसमें शिकायत की गई है कि असम पुलिस और वन रक्षकों ने “मेघालय में प्रवेश किया और अकारण गोलीबारी की.
कोनराड संगमा ने कहा, “पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के मुकरोह गांव” में मारे गए छह लोगों में से पांच मेघालय के निवासी थे और एक असम वन रक्षक है. मुख्यमंत्री ने मृतक व्यक्तियों के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.
पहले भी होती रही है हिंसा
यह पहली बार नहीं है, जब असम और मेघालय की सीमा पर इस तरह की हिंसा हुई हो. अक्सर हिंसा दोनों राज्यों से हिंसा की खबरें सामने आती रहती है. यह विवाद पिछले 50 सालों से चला आ रहा है. दोनों राज्यों के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी अंतर्राज्यीय सीमा से सटे 12 क्षेत्रों को लेकर काफी पहले से विवाद है.
बता दें कि मेघालय 1972 में असम से अलग होकर एक राज्य बना था.
Last Updated on November 23, 2022 11:21 am