Uttarakhand tunnel collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मज़दूरों को बचाने का काम पिछले दो हफ़्ते से जारी है. बदक़िस्मती देखिए सुरंग बनाने वाली जिस अमेरिकी ऑगर मशीन के भरोसे मज़दूरों को सुरक्षित निकालने का काम चल रहा था. अब वही ख़राब हो गई है.
बचाव दल के सामने ख़राब ऑगर मशीन को पाइप से बाहर निकालने की बड़ी चुनौती है. क्योंकि इसके लिए बचावकर्मियों को बहुत संकरी जगह में काम करना पड़ेगा और दूसरा इसे काटकर हटाना पड़ेगा.
अधिकारियों ने बताया है कि रविवार को शायद ही अब सुरंग बनाने का काम शुरु हो, क्योंकि पहले ऑगर की ब्लेड निकालनी होगी, जो बचाव के लिए लगाए गए पाइप में फंसी हुई है. पाइप काटने के दौरान बहुत ज़्यादा गर्मी पैदा होगी, जिससे बचावकर्मियों के लिए मुश्किलात पैदा होगी. जो इस पूरी प्रक्रिया को बहुत लंबी और जटिल बना देगी.
नेशनल डिज़ास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के सदस्य, लेफ़्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) सैयद अता हसनैन के मुताबिक़, “इस अभियान में लंबा समय लग सकता है.”
वहीं, एक अन्य अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ आर्नल्ड डिक्स ने के मुकाबिक़ मज़दूरों को निकालने का काम ‘क्रिसमस तक’ पूरा हो सकेगा. बचाव अभियान ‘बेहद सावधानी’ से चलाया जा रहा है इसलिए देरी होगी.
I am confident that the 41 men are coming home by Christmas,” says micro tunneling expert Arnold Dix on #UttarakhandTunnelRescue. pic.twitter.com/NqwpvKIO2B
— Sarita Tiwari (@saritatiwariuk) November 25, 2023
जानकारी के लिए बता दूं, 12 नवंबर को दिवाली वाले दिन उत्तरकाशी के सिलक्यारा में बन रही इस सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था. जिसके अंदर काम कर रहे 41 मज़दूर फंस गए थे. तब से कई एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं.
राहत की बात यह है कि श्रमिकों तक भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए छह इंच चौथे ट्यूब को 57 मीटर तक पहुंचा दिया गया है. इसके ज़रिए इन तक ऑक्सीजन, दवाएं और खाने-पीने की चीज़ें पहुंचाई जा रही हैं.
श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग के ढहे हिस्से में की जा रही ड्रिलिंग शुक्रवार रात तब रोकनी पड़ी थी, जब ड्रिलिंग बहाल होने के कुछ देर बाद ऑगर मशीन स्पष्ट रूप से किसी धातु की वस्तु के कारण बाधित हो गई. BBC की रिपोर्ट के मुताबिक उस वक़्त मज़दूर सिर्फ़ 10 से 13 मीटर की दूरी पर थे.
इससे एक दिन पहले अधिकारियों को ऑगर मशीन में तकनीकी गड़बड़ियों के कारण बचाव कार्य को रोकना पड़ा था.
अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने शनिवार को कहा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए जिस ऑगर मशीन से ‘ड्रिल’ की जा रही थी, जो अब खराब हो गई है. ऑगर टूट गई है, क्षतिग्रस्त हो गई है.
पिछले कुछ दिनों से ऑगर मशीन से ‘ड्रिल’ करने के दौरान लगातार बाधाएं आ रही थीं. बचाव दल लंबवत और हाथ से ‘ड्रिलिंग’ सहित अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. फंसे हुए लोगों और बचावकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अभियान में लगी कई एजेंसियों का लक्ष्य है.
Last Updated on December 3, 2023 4:14 pm