Parliament security breach: संसद की सुरक्षा में चूक मामले पर हंगामा करने को लेकर 15 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है. ये सभी सांसद गृह मंत्री के बयान और आरोपियों के पास जारी करने वाले बीजेपी सांसद के खिलाफ एक्शन की मांग कर रहे थे. जिसके बाद हंगामा करने और चेयर का अपमान करने के आरोप में विपक्ष के 15 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया. लोकसभा से 14 सांसदों को सस्पेंड किया गया है. इनमें से 9 कांग्रेस, 2 सीपीएम, 2 डीएमके और एक सीपीआई पार्टी से हैं. जबकि तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन को पहले ही निलंबित कर दिया गया था. लोकसभा में सभी 14 सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी लेकर आए, जिसे स्पीकर की कुर्सी पर विराजमान भर्तृहरि महताब ने पारित किया. सोशल मीडिया पर DMK सांसद पार्थिबन के निलंबन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि वह आज सदन में उपस्थित ही नहीं थे.
In Kartavya Kaal, an absent MP can also be expelled for his ‘unruly conduct’!
DMK MP SR Parthiban who was named on the floor of the house and suspended from Lok Sabha was not even present in the lower house today.#suspended pic.twitter.com/guaOB9ZEni
— Congress Sevadal (@CongressSevadal) December 14, 2023
हालांकि बाद में सरकार ने यह फ़ैसला वापस ले लिया.
सरकार ने द्रमुक सांसद पार्थिबन का निलंबन वापस लेने का फैसला किया
◆ गलती से निलंबित हो गए थे DMK सांसद पार्थिबन
◆ पहचान में चूक का बताया मामला#suspended #DMK | #Parthiban pic.twitter.com/Y0eXscRv7R
— News24 (@news24tvchannel) December 14, 2023
इससे पहले विपक्ष संसद में हुई बेहद गंभीर और ख़तरनाक सुरक्षा चूक को लेकर दोनों सदनों में गृह मंत्री अमित शाह के विस्तृत बयान और उसपर चर्चा की मांग कर रहे थे. इसके साथ ही वे घुसपैठ करने वालों को विजिटर पास दिलवाने वाले BJP सांसद प्रताप सिम्हा के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की भी मांग कर रहे थे.
अमित शाह से बयान की मांग करना अपराध है?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपने एक्स अकाउंट पर इस बात की पुष्टि करते हुए लिखा- ”मोदी सरकार द्वारा इन पूरी तरह से वैध और उचित मांगों को मानने से इंकार करने के कारण आज सुबह लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित हो गई.”
विपक्ष का कहना है कि इस चूक के पीछे सरकार की लापरवाही है। सरकार को इस मामले में जनता को जवाब देना चाहिए।
सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है।#suspended pic.twitter.com/CmdlS4tLwS
— NSUI (@nsui) December 14, 2023
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वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 15 सांसदों के निलंबन को लेकर कहा कि संसद की सुरक्षा में चूक विषय पर दोनों सदनों में चर्चा की मांग करने वाले 15 विपक्षी सांसदों का निलंबन ‘‘लोकतंत्र का निलंबन’’ है. उन्होंने सवाल किया कि क्या संसद की सुरक्षा में चूक पर गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग करना अपराध है?
वीडियो में देखें बुधवार को क्या-क्या हुआ?
पांच गिरफ्तार, छठे की तलाश
दरअसल बुधवार को भारतीय संसद के अंदर और बाहर, प्रदर्शनकारियों ने पीले रंग का धुआं फैलाते हुए नारेबाज़ी कर दी. वे बेरोज़गारी और देश के अन्य संकटों से परेशान थे और इसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस ने इस मामले में छह लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया है.
अब तक पांच को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है जबकि छठे की तलाश जारी है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुरक्षा चूक मामले को लेकर कम से कम सात लोगों को सस्पेंड किया गया है.
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सरकार को संदेश देना चाहते थे
कुल छह अभियुक्तों में से चार को संसद भवन के अंदर और बाहर से गिरफ़्तार किया गया था. इसके अलावा विक्रम को गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है. जबकि ललित अभी भी फरार है. पुलिस की टीमें अलग-अलग जगहों पर दबिश दे रही हैं. पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि सभी छह अभियुक्त पिछले चार सालों से सोशल मीडिया के ज़रिये एक-दूसरे को जानते थे. पीटीआई के अनुसार, अधिकारियों ने बताया, “उनकी विचारधारा एक ही है और इसलिए उन्होंने सरकार को संदेश देने का फ़ैसला किया. सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इन्हें किसी संगठन से ऐसा करने के आदेश मिले थे.”
बता दें, प्रदर्शन कर रहे युवक ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ और ‘भारत मां की जय’ जैसे नारे लगा रहे थे. पूछताछ में पता चला है कि वे लोग किसानों के आंदोलन, मणिपुर संकट और बेरोज़गारी के कारण नाराज़ थे, इसलिए इस घटना को अंजाम दिया. पीटीआई ने संसद के बाहर से हिरासत में लिए गए अमोल शिंदे के बयान को आधार मानते हुए इस बात की जानकारी दी है.
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सागर शर्मा ई-रिक्शा चलाता था
दर्शक दीर्घा से छलांग लगाने वालों में से एक सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है. जबकि मूल रूप से उसका परिवार उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का रहने वाला है. सागर की बहन ने पीटीआई को जानकारी देते हुए कहा, “मेरा भाई ई-रिक्शा चलाता था. वह पहले बेंगलुरु में काम करता था.’वहीं सागर की मां रानी का कहना है, ‘‘वह दो दिन पहले घर से निकला था. उसने कहा था कि वह कुछ काम के लिए दोस्तों के साथ दिल्ली जा रहा है.”
मनोरंजन डी इंजीनियरिंग के बाद कर रहा था खेती
वहीं दर्शक दीर्घा से लोकसभा के फ्लोर पर कूदने वाले दूसरे शख़्स का नाम मनोरंजन डी है. मनोरंजन डी बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के निर्वाचन क्षेत्र मैसूर से है. बता दें कि प्रदर्शनकारी के पास से संसद में प्रवेश का पास, बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा की सिफ़ारिश पर ही जारी हुआ था. मनोरंजन के पिता देवराजू गौड़ा ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि वे किसान परिवार से हैं. उनके बेटे ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.
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पढ़ाई के बाद मनोरंजन मुर्गियां, भेड़ें और मछली पालन करने लगा. पिता के मुताबिक़ मनोरंजन अक्सर दिल्ली जाता था. वो दिल्ली में क्या करता था, ये कभी नहीं बताया. देवराजू गौड़ा ने बताया, “मनोरंजन ने विवेकानंद को खूब पढ़ा है. वो समाज के लिए, वंचितों के लिए सिर्फ़ अच्छा करना चाहता था. ”
अपने हिसाब से सही किया- नीलम की मां
नीलम की मां सरस्वती ने एएनआई और एबीपी न्यूज़ से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने जो कहा वह काफी गंभीर है. सरस्वती ने बताया कि उनकी बेटी नौकरी न मिलने की वजह से परेशान थी. उसे ऐसा लगता था कि वह घर वालों पर बोझ है. वह नौकरी से बहुत परेशान थी, वह एक दो बार तो यह भी कहती थी कि मैं मर जाऊंगी. हालांकि उन्होंने अपनी बेटी को समझाया था कि अगर उसे नौकरी नहीं भी मिलती है तो कोई बात नहीं. वह उसे बोझ नहीं समझती हैं.
उन्होंने बताया, “हमारी कोशिश यही है कि सरकार उसे रोज़गार दे दे और हम माफी मांग लेंगे. हमारा किसी से कोई लेना-देना नहीं है. उसे राजनीति से तो बिना मतलब के जोड़ा जा रहा है. नीलम ने जो किया, वो उसने अपने हिसाब से सही किया है. वह बेरोज़गार थी, वह भटकती घूम रही थी. बहुत बच्चे ऐसे हैं, जो बिना रोजगार के भटक रहे हैं. उसने किसी पर जानलेवा हमला नहीं किया है. उसने बेरोज़गारी के हिसाब से कदम उठाया है.”
वहीं छोटे भाई ने बताया कि नीलम ने बीए, एमए, बीएड, एमएड, सीटीईटी, एमफिल और नेट क्वालिफाई किया था. वह पहले भी कई बार बेरोज़गारी का मुद्दा उठा चुकी थी. उसने किसान आंदोलन में भी हिस्सा लिया था.
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पुलिस भर्ती में नाकाम अमोल शिंदे
संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार होने वाला चौथा शख़्स अमोल शिंदे महाराष्ट्र के लातूर ज़िले के रहने वाला है. वह नीलम के साथ सदन के बाहर प्रदर्शन कर रहा था. बीबीसी के अनुसार, अमोल शिंदे पिछले कई सालों से पुलिस भर्ती के लिए तैयारी कर रहा था. लेकिन हर बार वह परीक्षा में नाकाम रहा. अमोल के अभिभावकों का कहना है कि उनका बेटा सेना में भर्ती होना चाहता था और आगे पढ़ने के लिए उनसे प्रति माह चार हजार रुपये की मांग करता था, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार अमोल को यह धनराशि देने की स्थिति में नहीं था.
पुलिस ने गुरुवार को चार आरोपियों-मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल शिंदे और नीलम देवी- को एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) मामलों की विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर की विशेष अदालत में पेश किया. जिसके बाद इन्हें सात दिनों के लिए दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया है.
(इस आर्टिकल को आप पांच में से कितने नंबर देंगे, कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं.)
Last Updated on December 14, 2023 3:29 pm
बहुत बढ़िया तरीक़े से पूरी कहानी बताई गई है. सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को आर्टिकल में शामिल किया गया है. मैं इसे पाँच में पाँच नंबर दूँगा.