Parliament winter session 2023: 141 विपक्षी सांसदों का निलंबन (141 Opposition MPs suspended) और मिमिक्री विवाद (Mimicry of Jagdeep Dhankhar) को लेकर राजनीतिक घमासान चल रहा है. एक तरफ मिमिक्री वीडियो को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उनके नेता विपक्षी सांसदों को घेर रहे हैं तो दूसरी तरफ विपक्ष सरकार पर ‘मनमानी’ करने का आरोप लगा रही है. विपक्ष का कहना है कि सरकार बेहद अहम बिलों को बगैर बहस के मनमाने ढंग से पारित कराना चाहती है. इसीलिए वो सदन में विपक्षी सांसदों को नहीं देखना चाहती है. वहीं कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने संसद की सुरक्षा में चूक का उल्लेख करते हुए कहा कि 13 दिसंबर को जो हुआ वह अक्षम्य है और उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता. प्रधानमंत्री को इस घटना पर अपने विचार व्यक्त करने में चार दिन लग गए.
इधर मंगलवार से शुरु हुए मिमिक्री विवाद को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपराष्ट्रपति का संसद परिसर में कथित तौर पर ‘मज़ाक उड़ाए जाने पर’ दुख जाहिर किया है. बीजेपी कह रही है कि विपक्षी सांसदों को घेरा जाना शुरू हो गया है. बीजेपी ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट लिखा है – “अगर देश को लग रहा था कि विपक्षी सांसदों को क्यों निलंबित किया गया था तो ये उसकी एक वजह है. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने माननीय उप-राष्ट्रपति का मजाक बनाया और इस दौरान राहुल गांधी उनकी हौसला अफ़जाई करते रहे हैं.”
If the country was wondering why Opposition MPs were suspended, here is the reason…
TMC MP Kalyan Banerjee mocked the Honourable Vice President, while Rahul Gandhi lustily cheered him on. One can imagine how reckless and violative they have been of the House! pic.twitter.com/5o6VTTyF9C
— BJP (@BJP4India) December 19, 2023
लोकतंत्र का गला घोंट रही सरकार-सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने 141 विपक्षी सदस्यों के निलंबन को लेकर बुधवार को सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने मौजूदा सरकार पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद की सुरक्षा में चूक की ‘अक्षम्य घटना’ पर संसद के बाहर अपने विचार रखे लेकिन सदन में नहीं. इससे स्पष्ट है कि सदन की गरिमा की उन्हें कोई परवाह नहीं है.
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कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, “यह सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है. इससे पहले कभी भी इतने सारे विपक्षी सांसदों को सदन से निलंबित नहीं किया गया, और वह भी केवल एक, बिल्कुल उचित और वैध मांग उठाने के लिए.” उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा और राज्यसभा में गृह मंत्री से एक बयान दिए जाने की ही तो मांग की थी.
141 सांसदों के निलंबन का मामला
मौजूदा शीतकालनीन सत्र के दौरान जिन 141 सांसदों को निलंबित किया गया है, उनपर आरोप है कि वे सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहे थे और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं होने दे रहे थे.
बता दें, ये सभी सांसद 13 दिसंबर को संसद में दो लोगों के घुस आने की घटना पर सदन में बहस की मांग कर रहे थे. विपक्षी सांसद, संसद में ‘सुरक्षा चूक’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे थे. जबकि कुछ सांसद, अमित शाह से इस्तीफा देने की मांग कर रहे थे. इसी मामले में सोमवार को 78 सांसदों को निलंबित किया गया था, जबकि मंगलवार को लोकसभा के 49 सांसदों को निलंबित किया गया.
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अब तक निलंबित हुए सांसदों की कुल संख्या 141 हो गई है. इनमें 95 सांसद लोकसभा से हैं और 46 राज्यसभा से. भारतीय राजनीति में एक साथ इतने सांसदों को निकालने का यह पहला मामला है. इससे पहले 15 मार्च 1989 को लोकसभा से 63 सांसदों को निकाला गया था. इन सभी सांसदों की मांग थी कि इंदिरा गांधी हत्याकांड मामले में जांच आयोग अपनी रिपोर्ट सदन में पेश करे.
यानी सरकार कह रही है कि सभी निलंबित सदस्य संसद में हंगामा कर कामकाज में अड़ंगा डाल रहे थे तो वहीं विपक्ष का कहना है कि मोदी सरकार ‘मनमानी’ कर रही है. ताकि वो सभी महत्वपूर्ण बिलों को बगैर बहस के मनमाने ढंग से पारित करा सके.
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बिलों को बगैर बहस पारित कराने का आरोप सही या गलत?
बता दें मंगलवार को देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के लिए भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Evidence Act) की जगह तीन नए बिल संसद में पेश किए गए. तो क्या विपक्ष के आरोप सही हैं? क्योंकि जब भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को सदन में पेश किया गया उस समय लगभग 95 विपक्षी सांसद मौजूद नहीं थे.
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वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी ने बीबीसी से बात करते हुए माना कि ‘संसद की सुरक्षा में चूक’ एक बहुत बड़ा मुद्दा है. विपक्ष को यह मुद्दा उठाना ही चाहिए. वहीं वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी विपक्ष पर निशाना साधते हुए कह रहे हैं कि विपक्षी सांसदों का निलंबन सरकार के लिए राह आसान कर रही है.
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मिमिक्री विवाद क्या है?
अब यह वीडियो देखिए. जिसे संसद टीवी ने आज ही यानी कि दिनांक 20 दिसंबर 2023 दिन बुधवार को अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया है. यह वीडियो 11:45 मिनट के क़रीब की है. जिसमें सदन के अंदर की बहस सुनी जा सकती है. मिमिक्री विवाद को लेकर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह को संबोधित करते हुए कह रहे हैं कि‘दिग्विजय सिंह जी, एक बात सुनना मेरी ध्यान से…मैंने कुछ देर पहले एक टीवी चैनल पर देखा है. गिरावट की कोई हद नहीं है… जगदीप धनखड़ की बेइज़्ज़ती करें मुझे कोई परवाह नहीं लेकिन देश के उपराष्ट्रपति के पद का अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा. आपकी पार्टी के एक बड़े नेता एक सांसद के असंसदीय व्यवहार का वीडियो बना रहे थे. वो आपसे भी बहुत बड़े नेता हैं. मैं तो यही कह सकता हूं कि सद्बुद्धि आए. कुछ तो सीमा होती होगी. कुछ जगह तो बख़्शो.’
जगदीप धनखड़ की कितनी भी बेइज़्ज़त्ति करो मुझे परवाह नहीं मगर मेरे भारत के उपराष्ट्रपति की, किसान समाज एवं मेरे वर्ग की…
मैं पूरी आहुति दे दूंगा हवन में, मगर मैं ये बर्दाश्त नहीं करूँगा कि मेरी पद की गरिमा मैं सुरक्षित नहीं रख पाया, इस सदन की गरिमा को सुरक्षित रखना मेरा काम है। pic.twitter.com/4GIHmSCyiS— SansadTV (@sansad_tv) December 20, 2023
दरअसल मंगलवार को टीएमसी सांसद संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान जगदीप धनखड़ की नकल उतार रहे थे. इससे संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में मौके पर विपक्षी दलों के तमाम सांसद दिखाई दे रहे हैं. साथ ही राहुल गांधी इस घटना को अपने फोन में रिकॉर्ड करते भी देखे जा सकते हैं.
#WATCH | TMC MP Kalyan Banerjee mimics Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar in Parliament premises pic.twitter.com/naabLIzibY
— ANI (@ANI) December 19, 2023
वहीं कांग्रेस ने बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल उतारे जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर यह कहते हुए पलटवार किया कि 140 से अधिक सांसदों के निलंबन से ध्यान भटकाने के लिए इस मुद्दे को उठाकर ‘हताशा भरा प्रयास’ किया जा रहा है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर मुझे बोलने नहीं दिया जा रहा तो क्या मुझे यह कहना चाहिए कि मैं दलित हूं इस वजह से ऐसा हो रहा है.
VIDEO: क्या दलित होने की वजह से सदन में बोलने नहीं दिया जाता, क्यों बोले खड़गे?
इधर तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने मामला बढ़ता देख अपना बयान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि नकल उतारना कोई अपराध नहीं, यह एक कला है. वे (BJP) इस मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. क्या विपक्षी सांसदों का निलंबन सही है? उन्होंने आगे कहा- मैं संवैधानिक पदों का सम्मान करता हूं. मेरा इरादा उपराष्ट्रपति तथा किसी अन्य को ठेस पहुंचाने का बिल्कुल नहीं था.
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कौन हैं कल्याण बनर्जी?
कल्याण बनर्जी पश्चिम बंगाल की सेरामपुर सीट से सांसद हैं. साल 2009 में उन्होंने पहली बार संसद में कदम रखा था. 2001 से 2006 तक वे पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य थे. 2007 से 2009 के बीच वह टीएमसी के उपाध्यक्ष भी रहे हैं. इससे पहले साल 2017 में वे पीएम मोदी पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर काफी चर्चा में थे.
Last Updated on December 20, 2023 11:15 am