lok sabha election 2024: कांग्रेस मोदी को कैसे रोक पायेगी, ये राम जी ही जाने?

न्याय यात्रा के सहारे कांग्रेस?
न्याय यात्रा के सहारे कांग्रेस?

Lok sabha election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 255 सीटों पर अकेले लड़ने का मन बना रही है. जो कांग्रेस के इतिहास में सबसे कम है. 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने 403 सीटों पर लड़कर 53 पायी थी जो मुख्य रूप से TN, केरल व पंजाब से आयी थी. यह इतिहास की सबसे ख़राब परफॉरमेंस थी. अब 28 दलों का कुनबा जोड़ा है, उसे समेटे रखने में लोहे के चने चबाने पड़ रहे हैं.

कांग्रेस की दिक़्क़त ये है कि वह चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि BJP को हर हाल में हराने के लिए लड़ रही है. यानी निगेटिव सोच के साथ लड़ रही है. उधर गठबंधन के सहयोगियों ने नाक में दम कर रखा है. तीन राज्यों की हार के बाद जहां कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा हुआ है, उसे बनाये रखना भी चुनौती है.

न्याय यात्रा के सहारे कांग्रेस?

राहुल गांधी की न्याय यात्रा, अबकी बार कितने लोगों को कनेक्ट कर पाएगी, ये सवाल है. वहीं गठबंधन के साथी तभी जुड़ेंगे जब सीटों का बंटवारा हो जाएगा.

चुनाव के समय वोटर को कैसे बूथ तक पहुंचाना है? चुनावी स्ट्रेटेजी बनाने के समय यात्रा में समय बिताने, गले मिलने से, 2024 में कितना लाभ होगा, ये भी पता नहीं है?

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कांग्रेस के साथ कौन?

यूपी में कांग्रेस पिछले चुनाव में 70 सीटों पर लड़कर एक जीती थी. अमेठी भी हाथ से चली गई थी. बाक़ी अधिकांश पर जमानत ज़ब्त हो गई थी. कांग्रेस को पता है कि यूपी में कोई ज़मीन नहीं है. फिर भी 40 सीटों पर दावा ठोक कर अखिलेश यादव को चिढ़ा रही है.

MP में कमलनाथ हैं नहीं, छत्तीसगढ़ में बघेल व राजस्थान में गहलोत ED की जांच में उलझे हैं. AAP पार्टी व ममता दीदी से कांग्रेस का छतीस का आंकड़ा है. ये भी किसी से छिपा नहीं. मायावती साथ आ नहीं रहीं.

इधर राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा गले की फांस बना हुआ है. कांग्रेस तय ही नहीं कर पा रही है कि जाना है या नहीं? भावी राम लहर ने वैसे ही पूरे INDIA का गला सुखा रखा है.

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‘झूठे अहंकार में फंसे हैं कांग्रेस प्रवक्ता’

कांग्रेस के प्रवक्ता तक झूठे अहंकार में फंसे हैं. ऊलजुलूल अग्रेशन दिखा कर TV डिबेट्स में मिट्टी पलित करा रहे हैं. कभी कभी फ्रस्ट्रेशन में गाली गलौंच पर भी उतर आते हैं. BJP प्रवक्ता एक रणनीति के तहत उनका ये स्वरूप दिखाने को उकसाते रहते हैं ताकि INDIA गठबंधन, ‘घमंडिया’ सिद्ध हो जाये.

कांग्रेस के रणनीतिकारों के पास घिसे पिटे ideas के सिवाय कुछ नया नहीं है. सब कुछ राहुल गांधी centric है, जिन्हें ख़ुद आभास नहीं की आगे क्या करना है? जिधर हांका जाता है, चल पड़ते हैं.

हमारे जैसे लोग कुछ परामर्श देते हैं तो कहते हैं कि आप कौन होते हैं? चाटुकारों का धंधा पानी ज़ोरों से चल रहा है. ऐसी परिस्थिति में कांग्रेस मोदी को कैसे रोक पायेगी, ये राम जी ही जाने?

Surya Pratap Singh IAS Rtd के एक्स वॉल से.

डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए Newsmuni.in किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है.

Last Updated on January 8, 2024 12:07 pm

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