इस अट्टहास कर रहे व्यक्ति को याद रखियेगा. इसने खुद को खबरों का देवता समझने का मुगालता पाल रखा है. देह व्यापार करने वाली महिला की भी एक नैतिकता होती है कि वह सिर्फ व्यापार करती है, मोहब्बत नहीं. लेकिन यह यह अरुण पुरी हैं. कल इंडिया टुडे कांकलेव में मोदी का भाषण, इस व्यक्ति की दलाली भरी मुस्कुराहट और वहां मौजूद खाए-पीए अघाये लोगों की तालियां, दरअसल हिंदुस्तान को पूरी तरह से बर्बाद करने का अनुष्ठान था.
विकीपीडिया के पेज पर जब पूरी की प्रोफाइल देखेंगे तो पहली लाइन लिखी मिलेगी कि यह एक भारतीय व्यापारी हैं. लेकिन हकीकत यह है कि चार्टर्ड एकाउंट की पढ़ाई करने वाले अरुण पुरी खुद को हिन्दुस्तानी मीडिया के माई-बाप समझते हैं. यह ऐसा इसलिए समझते हैं क्योंकि आप सबमें एक स्वतंत्र मीडिया की चाह कभी नहीं रही है. जब अटल जी की सरकार थी तब इन्हें पद्मभूषण मिला. अब इन्हें मुगालता है कि बीजेपी की सरकार इन्होंने ही बनवाई है और आगे भी देश में मोदी राज इनके ही दमख़म पर कायम रहेगा. जब मैं कहता हूं कि भाजपा ने पत्रकारों को सर्वाधिक भ्रष्ट बनाया है, तब मैं यह भी कहना चाहता हूं कि इस भ्रष्टाचार का केंद्र बिंदु इंडिया टुडे ग्रुप है.
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अरुण पुरी जो कि अपने अंग्रेजी के नाम में Aroon संभवतः इसलिए लिखते हैं कि उनका नाम अरुण जेटली या फिर अरुण नेहरु जैसा लिया जाए. पत्रकारिता में हमेशा से अभिनव प्रयोग करते रहे हैं. दिलीप के मंडल से सेक्स विशेषांक यही निकलवा सकते थे. यह विशुद्व व्यापारी होने के बावजूद इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटर इन चीफ रह चुके हैं. अब पत्रकारों को व्यापारी बना रहे हैं. आज जो देश में हालात हैं इसके लिए कहीं न कहीं से यह खुद भी जिम्मेदार हैं. क्योंकि इन्होंने अपने चैनल और चैनल के पत्रकारों का इस्तेमाल करके पढ़े-लिखे लोगों के बीच झूठे-फर्जी समाज विरोधी देश विरोधी नैरेटिव गढ़ने का काम किया.
अब सवाल उठता है कि दरअसल अरुण पुरी के साथ इस पूरे खेल में और कौन-कौन शामिल है? जवाब बहुत सीधा है कि जिन लोगों ने इंडिया टुडे ग्रुप में पैसा लगाया है वो सारे लोग अरुण पुरी के पीछे खड़े हैं. आप जानते ही होंगे बिड़ला समूह की इंडिया टुडे ग्रुप में 27.5 फीसदी की हिस्सेदारी थी. अब यह हिस्सेदारी बढ़कर 33.8 फीसदी हो गई है. मारुति सुजुकी के लिए सीट बनाते बनाते आजकल पीपीई किट बना रहे अशोक कपूर भी, लीविंग मीडिया के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स में से हैं.
दरअसल यह जो इंडिया टुडे ग्रुप कर रहा है उसके पीछे अंबानी और बिडला ग्रुप की प्रतिस्पर्धा भी है कि कौन मोदी जी का कितना दिल जीत सकता है? अरुण पुरी की देख-रेख में दिल जीतने का यह सेवा कार्य चल रहा है.
आप देखते रहिये. यह इतने चालाक लोग हैं कि इन्हें सत्ता परिवर्तन की भनक भी लगी तो यह तुरंत अपना स्टैंड बदल देंगे. फ़िलहाल जिन एंकर्स को अभी दूध मलाई खिला रहे हैं उनको लात मारकर बाहर कर देंगे. याद रखिये इनकी नीयत ठीक नहीं है. सत्ता के गलियारों में जहां खबर होती हैं, वहां यह दलाल फिट कर देते हैं. यह खतरनाक है, बेहद खतरनाक.
Awesh Tiwari के X अकाउंट (@awesh29) से…
डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए Newsmuni.in किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है.
Last Updated on March 18, 2024 10:44 am