भारत में ओमिक्रॉन (Omicron) के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. एक ओर देश में अबतक ओमिक्रॉन के 358 मामले सामने आ चुके हैं, वहीं नए साल के जश्न और क्रिसमस के कारण बाजारों में बेतहाशा भीड़ देखने को मिल रही है. इन बाजारों में लोगों को बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए साफ देखा जा सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कोरोना की दूसरी लहर में लोगों से हुई बेतहाशा मौतों ने हमपर कोई असर नहीं डाला और ना ही सरकारों पर?
वहीं एक्सपर्ट्स बार-बार तीसरी लहर की चेतावनी दे रहे हैं. अमेरिका, ब्रिटेन में ओमिक्रॉन (Omicron) तबाही मचा रहा है, जबकि भारत में माहौल चुनावी है. यूपी, उत्तराखंड, पंजाब समेत पांच राज्यों में अगले साल चुनाव होने हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक दल, चुनाव जीतने के लिए ओमिक्रॉन को धता बताते हुए लगातार रैली का आयोजन कर रहे हैं.
इन रैलियों में हजारों हजार की संख्या में लोग इकट्ठा हो रहे हैं. इस भीड़ में ना तो किसी तरह के कोरोना प्रोटोकॉल का पालन होता है ना ही लोगों और नेताओं में किसी प्रकार का भय देखने को मिलता है. और तो और चुनावों को नजदीक आते देख पार्टी के कार्यकर्ता अपने नेताओं को खुश करने के लिए दूसरे शहरों से बसों में भरकर भीड़ लाते है. ऐसे में सवाल उठता है कि देश में बढ़ते ओमिक्रॉन के मामलों को देखते हुए सरकार क्यों जल्द कोई फैसला नहीं ले पा रही है? त्योहार के नाम पर और रैलियों के नाम पर जो असंख्य भीड़ इकट्ठी होती है या करवाई जाती है उसको लेकर सरकार क्या कर रही है?
बता दें कि दूसरी लहर से पहले बंगाल समेत पांच राज्यों में चुनाव थे. इन चुनावों को दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार बताया गया था.
सरकार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कुछ करे या ना करे लेकिन ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad HC) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और चुनाव आयुक्त से अपील की है कि आने वाले चुनावों के लिए होने वाली रैलियों पर रोक लगाई जाए. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि पार्टियों को टीवी, विज्ञापनों या समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार करना चाहिए.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर कुमार यादव ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान भीड़ को देखते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री चुनावी रैलियों (Election rally) में होने वाले जमावड़े को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं. हो सके तो प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है, तो जहान है.
हाईकोर्ट ने कहा कि समाचार पत्र के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में 6 हजार नए मामले मिले हैं, जबकि 318 लोगों की मौत हुई हैं. भारत में ओमिक्रॉन के मामले दिनोंदिन बढ़ते जा रहे है. हमे भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाने होंगे ताकि दूसरी लहर जैसी स्थिति ना हो. कोर्ट ने कहा इस महामारी को देखते हुए कई देशों जैसे चीन, नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, स्कॉटलैंड जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है.
जस्टिस शेखर कुमार यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार ने जिस प्रकार से देश में एक बड़े टीकाकरण अभियान को चलाया है वह प्रशंसनीय है. सरकार ने देशभर में मुफ्त टीका लगाने का काम बेहद कम समय में किया है.
वहीं कोरोना को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार भी गंभीर नहीं दिखती. राजधानी में ओमिक्रॉन के 67 मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन बाजारों में भीड़ कम होने की बजाय बढ़ती चली जा रही है. दिल्ली हाईकोर्ट ने सरोजनी नगर मार्केट में भीड़ की वीडियो देखते हुए नाराजगी जताते हुए सरोजनी नगर के SHO को तलब किया है. साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे माहौल में महामारी ही नहीं बल्कि संक्रमण विस्फोट से सैकड़ों लोगों की मौत हो भी सकती है.
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकारों ने अपने हिसाब से पाबंदियां लगानी शुरू कर दी है. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. वहीं गुजरात के आठ जिलों में भी नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. हरियाणा सरकार ने भी राज्य में रात 11 बजे से लेकर सुबह के 5 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है. इसके अलावा सार्वजनिक स्थलों और अन्य कार्यक्रमों में 200 से अधिक लोगों के इकठ्ठा होने पर पाबंदी लगा दी है.
भारत में अबतक 17 राज्यों में ओमिक्रॉन के मामले सामने आ चुके हैं. देश में ओमिक्रॉन के मरीजों की कुल संख्या 358 हो चुकी है. इसमें महाराष्ट्र में 88, तमिलनाडु में 34, कर्नाटक में 31, गुजरात में 30, केरल में 27, राजस्थान में 22, , दिल्ली में 67, हरियाणा में 4, ओडिशा में 4 जबकि तेलंगाना में 38 मामले सामने आ चुके है.
Last Updated on December 25, 2021 11:54 am