नारी शक्ति की वकालत करने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद दिलीप घोष के एक बयान को लेकर बवाल मचा हुआ है. इससे संबंधित एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें दिलीप घोष कह रहे हैं- “दीदी गोवा जाती हैं और कहती हैं, ‘मैं गोवा की बेटी हूं’, फिर त्रिपुरा जाती हैं और कहती हैं, ‘मैं त्रिपुरा की बेटी हूं’. तय कीजिए कि आपके पिता कौन हैं? सिर्फ किसी की बेटी बनना अच्छा नहीं है.”
हालांकि तृणमूल कांग्रेस (TMC) की शिकायत पर चुनाव आयोग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
बीजेपी ने नोटिस में कहा है, ‘आपकी टिप्पणियां असंसदीय और BJP की संस्कृति के खिलाफ हैं. पार्टी ऐसी टिप्पणियों की निंदा करती है. पार्टी प्रमुख जे.पी.नड्डा के निर्देश पर, आपसे तुरंत अपनी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देने को कहा जाता है.’
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सवाल उठता है कि जिस पार्टी के मुखिया इसे BJP की संस्कृति के खिलाफ बताते हैं. संसद में जिस बहुमत दल के नेता यानी कि प्रधानमंत्री नारी शक्ति की बात करते नहीं अघाते. उनके सांसद इस तरह की अमर्यादित बयान कैसे दे सकते हैं? राज्य की मुख्यमंत्री को लेकर जब एक सांसद इस तरह की बातें कर सकता है तो फिर समझिए एक सामान्य नारी को लेकर उनके मन में कितना सम्मान होगा?
ऐसे में सवाल लाज़मी है कि नारी शक्ति का बखान करने वाले प्रधानमंत्री मोदी को पहले अपने सांसदों और कार्यकर्ताओं का पाठ्यक्रम दुरुस्त करवाने की ज़रूरत है या नहीं?
आपको याद होगा कुछ दिनों पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के एक बयान को लेकर पीएम मोदी ने तीखा प्रहार किया था और राहुल गांधी पर महिला शक्ति के अपमान का आरोप लगाया था.
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पीएम मोदी का राहुल पर आरोप
18 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने तेलंगाना के जगतियाल में जनसभा को संबोधित करते हुए 17 मार्च की INDIA (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन) रैली का जवाब दिया. पीएम मोदी ने कहा- मुंबई में INDI अलायंस की रैली में उन्होंने अपना घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया है कि उनकी लड़ाई शक्ति के खिलाफ है. मेरे लिए तो हर मां-बेटी शक्ति का रूप है. मैं इनको शक्ति के रूप में पूजता हूं और इनकी रक्षा के लिए जान की बाजी लगा दूंगा.
मोदी ने आगे कहा- कई राजनीतिक जानकार कहते रहे हैं कि नारी शक्ति मोदी की साइलेंट वोटर है. लेकिन मेरे देश की नारी शक्ति वोटर नहीं, बल्कि मां शक्ति स्वरूपा है.
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राहुल गांधी ने जवाब में क्या कहा?
जिसके बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया X पर लिखा कि, पीएम को मेरी बातें अच्छी नहीं लगती हैं इसीलिए वो बातों का गलत अर्थ निकालते हैं. हमेशा मेरी बातों को किसी न किसी तरह घुमाकर अर्थ बदलने की कोशिश करते हैं, क्योंकि वह जानते हैं कि मैंने एक गहरी सच्चाई बोली है. जिस शक्ति का मैंने उल्लेख किया, जिस शक्ति से हम लड़ रहे हैं, उस शक्ति का मुखौटा मोदी जी हैं. वह एक ऐसी शक्ति है जिसने आज, भारत की आवाज़ को, भारत की संस्थाओं को, CBI, IT, ED को, चुनाव आयोग को, मीडिया को, भारत के उद्योग जगत को, और भारत के समूचे संवैधानिक ढांचे को ही अपने चंगुल में दबोच लिया है.
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ऐसे में सवाल यह है कि एक तरफ जब पीएम मोदी नारी शक्ति को लेकर इतने समर्पित हैं तो फिर उनके ही सांसद पीएम के विचारों का सम्मान क्यों नहीं कर रहे?
Last Updated on March 28, 2024 8:32 am