जब देश आज़ाद हुआ था, तो पहले प्रधानमंत्री नेताजी सुभाषचन्द्र बोस कहां थे?

नेताजी पहले प्रधानमंत्री थे?
नेताजी पहले प्रधानमंत्री थे?

Netaji Subhas Chandra Bose ने 21 अक्टूबर, 1943 में सिंगापुर में निर्वासित सरकार बनाई. जिसे उन्होंने आज़ाद हिंद सरकार का नाम दिया. नेताजी ने खुद को सरकार का हेड ऑफ स्टेट यानी प्रधानमंत्री और युद्ध मंत्री घोषित किया था. नेताजी के सरकार की अपनी फौज यानी आज़ाद हिंद फौज थी, करेंसी, कोर्ट, सिविल कोड और राष्ट्रगान भी था.

सुभाष चंद्र बोस की सरकार को जापान, जर्मनी, इटली, और रिपब्लिक ऑफ चाइना समेत 9 देशों ने मान्यता भी दी थी. इस तरह की सरकारों को ‘Government In Exile’ कहा जाता है. आप आसान भाषा में इसे देश से बाहर बनाई गई सरकार कह सकते हैं.

पत्रकार और समीक्षक Prakash K Ray अपने X अकाउंट (@pkray11) पर इसी बात को आगे बढ़ाते हुए लिखते हैं-

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“भारत की स्वतंत्रता से बहुत वर्ष पहले एक दिसंबर, 1915 को काबुल में निर्वासन में भारत की एक अस्थायी सरकार बनी थी. वह पहले महायुद्ध का दौर था. उस सरकार के राष्ट्रपति महेंद्र प्रताप थे और मौलाना बरकतउल्लाह प्रधानमंत्री थे. मौलवी उबैदुल्लाह गृह मंत्री, मौलवी बशीर युद्ध मंत्री और चंपकरमण पिल्लई विदेश मंत्री थे.

दूसरी निर्वासित सरकार सिंगापुर में 21 अक्तूबर, 1943 को बनी, जिसके प्रधानमंत्री, युद्ध मंत्री और विदेश मंत्री नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे. कैप्टन लक्ष्मी सहगल महिला संगठन की मंत्री थीं और एसए अय्यर, लेफ़्टिनेंट कर्नल एसी चटर्जी आदि अन्य मंत्री थे.

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ब्रिटिश शासन में तीसरी अस्थायी सरकार दिल्ली में दूसरे महायुद्ध के बाद दो सितंबर, 1946 को बनी, जिसके प्रमुख एग्जीक्यूटिव काउंसिल के उपाध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू थे और उस सरकार में 15 मंत्री थे. उस सरकार में सरदार पटेल गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री थे.

सरदार बलदेव सिंह रक्षा मंत्री और चक्रवर्ती राजगोपालाचारी शिक्षा व कला विभाग के प्रभारी थे. कांग्रेस के आसिफ़ अली रेलवे व यातायात तथा बाबू जगजीवन राम श्रम मंत्री थे. डॉ राजेंद्र प्रसाद खाद्य एवं कृषि मंत्री तथा जॉन मथाई उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री थे.

उस शासन में मुस्लिम लीग के लियाक़त अली ख़ान (वित्त विभाग), अब्दुर रब निशतार (हवाई जहाज़ एवं डाक), इब्राहिम इस्माइल (वाणिज्य) और जोगेंद्रनाथ मंडल (क़ानून) भी शामिल थे.

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नेताजी सुभाषचंद्र बोस का दुखद निधन 18 अगस्त, 1945 को फ़ोरमोसा (अब ताइवान) में एक हवाई दुर्घटना में हो गया. फ़ोरमोसा तब जापान के क़ब्ज़े में था, इसलिए जापानी रेडियो की ख़बर पर भरोसा करना चाहिए.”

Last Updated on April 5, 2024 10:36 am

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