जन्मदिन विशेष: मोहम्‍मद रफ़ी जैसा दूसरा न गाने वाला होगा, ना जीने वाला

Mohammed rafi-Lata Mangeshkar (Image courtesy: lata_mangeshkar)
Mohammed rafi-Lata Mangeshkar (Image courtesy: lata_mangeshkar)

‘छैला बाबू’ लक्ष्‍मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी की पहली फिल्‍म थी, रिलीज काफी बाद में हुई. इसमें एक ग़ज़ल थी, ‘तेरे प्‍यार ने मुझे ग़म दिया…’ लक्ष्‍मीकांत-प्यारेलाल चाहते थे कि उस वक्‍त का सबसे नामचीन गायक ये ग़ज़ल गाए. दोनों ख़ुद उनके सामने हाजिर होकर कहते हैं, ‘हमारे लिए गा दीजिए प्‍लीज़. प्रोड्यूसर चाहता है कि आप ही ये ग़ज़ल गाएं तभी इसमें वो बात आएगी. लेकिन उसके पास आपको देने के लिए पैसा नहीं है.’

उस कलाकार का दिल इतने में ही पिघल गया था. हां कर दी. रिकॉर्डिंग पूरी हुई तो प्रोड्यूसर ने बड़ा लजाते हुए 1,000 रुपये उस गायक की तरफ़ बढ़ाए. जिस फनकार को गाने की मुंहमांगी कीमत मिला करती थी, उसने बिना हिचक वो 1,000 रुपये रख लिए. जानते हैं उन पैसों का क्‍या किया? लक्ष्‍मीकांत-प्यारेलाल को देकर बोले, ‘आप दोनों अपने लिए कुछ म‍िठाई खरीद लें. आपकी प्‍यारी धुन का इनाम है ये.’ वो कोई और नहीं, अपने मोहम्‍मद रफ़ी थे. बतौर संगीत निर्देशक लक्ष्‍मीकांत-प्यारेलाल की पहली रिलीज फिल्‍म थी ‘पारसमणि’ जिसका हर एक गाना मोहम्‍मद रफ़ी ने गाया था.

रफ़ी क्‍या इंसान थे और किस हद तक भावनाओं का ध्‍यान रखते थे, इसके लिए एक क़िस्‍सा सुनाता हूं. रफ़ी की बहू यासमीन रफ़ी ने अपनी किताब ‘मोहम्‍मद रफ़ी माय अब्‍बा’ में इसका जिक्र किया है. तो 1977 में रफ़ी को ‘क्‍या हुआ तेरा वादा’ के लिए फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड मिला था. उसी साल लक्ष्‍मीकांत-प्‍यारेलाल को ‘अमर अकबर एंथनी’ के लिए बेस्‍ट म्‍यूजिक डायरेक्‍टर चुना गया था. अवॉर्ड फंक्‍शन में जिसे बेस्‍ट सिंगर का खिताब मिलता, उसे वो गीत गाना होता था, ऐसी रवायत थी.

रफ़ी साहब को शुबहा था कि कहीं लक्ष्‍मीकांत-प्‍यारेलाल, पंचम (राहुल देव बर्मन) की धुन बजाने को ना माने तो. इसलिए उन्‍होंने तय किया कि वो अवॉर्ड लेने जाएंगे ही नहीं. जब लक्ष्‍मीकांत-प्‍यारेलाल को इस बात का पता चला तो वे बड़े नाराज हुए. प्‍यारेलाल ने फोन कर कहा, ‘रफ़ी साहब, आप वहां जरूर जाएंगे और अपना अवॉर्ड लेंगे और हम आरडी बर्मन की धुन के लिए अपना ऑर्केस्‍ट्रा लेकर साथ होंगे.’ ओपी नैय्यर साहब ने रफ़ी साहब को जब ट्रॉफी थमाई तो पीछे लक्ष्‍मीकांत-प्‍यारेलाल का ऑर्केस्‍ट्रा पंचम की धुन बजा रहा था… केवल रफ़ी के लिए.

24 दिसंबर को रफ़ी साहब का जन्मदिन था. Happy Birthday रफ़ी साहब…

Last Updated on December 25, 2021 7:05 am

Related Posts