Surat Lok Sabha seat: BJP की जीत सुनिश्चित थी, फिर भी मुकेश दलाल का निर्विरोध जीतना खतरनाक क्यों?

Surat Lok Sabha seat
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Surat Lok Sabha seat: सूरत निर्विवाद रूप से BJP का अभेद्य दुर्ग है. इस सीट पर बीते 35 सालों से (1989 से ) BJP सांसद चुन कर आ रहे हैं. पिछले दो चुनावों को ही देख लें तो यहां BJP उम्मीदवार को 74-75% वोट मिल रहे हैं. यानी कि BJP एकतरफा चुनाव जीत रही थी. विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान जब मैं सूरत में कुछ समय के लिए गया तो वहां रिपोर्टर्स ने बताया कि यहां कांग्रेस का कोई वजूद नहीं है.

2021 के नगर निगम चुनाव में भी आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी थी और 2022 विधानसभा चुनाव में भी सूरत की विधानसभा सीटों पर BJP उम्मीदवारों का मुकाबला आम आदमी पार्टी उम्मीदवारों से ही Predict किया गया था.

सूरत में इस बार जो हुआ वह बहुत ही अजीब है. कम से कम जब से मैं राजनीति देख रहा हूं ऐसा कभी नहीं देखा. BJP उम्मीदवार के सामने मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया. क्यों?

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क्योंकि उनके खुद के प्रस्तावक लोगों ने दावा कर दिया कि उनके नामांकन में जो हस्ताक्षर हैं वह हमारे नहीं हैं (कमाल ही है). कांग्रेस उम्मीदवार के कवरिंग कैंडिडेट का भी पर्चा रिजेक्ट हो गया ( कवरिंग कैंडिडेट इसलिए पर्चा भरता है ताकि अगर मुख्य उम्मीदवार के नामांकन में कोई दिक्कत हो तो यह उम्मीदवार कैंडिडेट बन जाएगा).

इसके बाद BSP समेत 8 Independent और उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए. BJP उम्मीदवार को सूरत लोकसभा सीट जीतने की और BJP को इन लोकसभा चुनाव में अपना खाता खोलने की बधाई. लेकिन सूरत में जो हुआ वह कोई अच्छा उदाहरण नहीं है.

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कम से कम लोकतंत्र के नज़रिए से, उस आम जनता के नजरिए से जिसके पास विकल्प होना चाहिए. ये कोई स्वस्थ उदाहरण नहीं है. अलग-अलग पॉलिटिकल पार्टियों के चलते जनता को विकल्प मिलता है अलग-अलग उम्मीदवार चुनने का.

अलग-अलग उम्मीदवारों के जरिए जनता को विकल्प मिलता है अपने लिए सही और मनमाफिक उम्मीदवार/पार्टी का चुनाव करने का. अगर एक पार्टी के अलावा कोई चुनाव मैदान में आएगा ही नहीं तो जनता से यह विकल्प छिन जाएगा.

बेशक मैं मानता हूं सूरत में अगर कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द ना भी होता तो भी चुनाव BJP ने ही जीतना था. क्योंकि वहां विपक्षी पार्टियों का हाल बेहद ख़राब है. लेकिन फिर भी…10%-20%-30%-40%….जो भी विपक्ष को वोट देने वाले मतदाता हैं…वो अब क्या करेंगे?

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उनके लिए तो इन लोकसभा चुनावों का कोई मतलब ही नहीं रहा?

सीनियर पत्रकार Sharad Sharma के X वॉल (@sharadsharma1) से…

डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए Newsmuni.in किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है.

Last Updated on April 23, 2024 11:33 am

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