Job Crisis: IIT करने के बाद भी नहीं मिल रही नौकरी… ये 38% छात्र क्या अब ‘पकौड़ा’ रोजगार करें?

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Job crisis at IIT: “यदि कोई आपके कार्यालय के सामने पकौड़े की दुकान खोलता है, तो क्या वह रोजगार में नहीं गिना जाएगा? उस व्यक्ति की प्रतिदिन की 200 रुपये की कमाई कभी भी किसी बही-खाते में नहीं आएगी. सच तो यह है कि बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिल रहा है.” बेरोज़गारी संकट को लेकर साल 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने एक इंटरव्यू में यह बात कही थी. आज की ख़बर IIT (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) के छात्रों से जुड़ी है.

RTI से एक जानकारी मिली है. इसके मुताबिक IIT में सत्र 2023-24 में पढ़ाई करने वाले 38 प्रतिशत विद्यार्थियों को अब तक नौकरी नहीं मिल पाई है. तो क्या अब उन्हें अपने-अपने IIT संस्थानों के आगे पकौड़े तलने होंगे?यह सुनने में भले ही हास्यास्पद लगे, लेकिन सच्चाई यही है कि लगभग आधी ज़िदगी पढ़ाई में लगा देने के बावजूद, अपने भविष्य को लेकर यह 38% छात्र अंधकार में हैं.

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IIT कानपुर के पूर्व छात्र धीरज सिंह ने इससे संबंधित RTI दाखिल किया था. जवाब में बताया गया कि IIT दिल्ली के ही करीब 400 स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट नहीं हुआ है. वहीं अगर सभी 23 IIT कैंपस को मिला दिया जाए तो लगभग 7 हजार छात्रों का प्लेसमेंट नहीं हुआ है.

RTI के जवाब में यह भी पता चला है कि IIT दिल्ली, IIT बॉम्बे और बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस ने मौजूदा छात्रों के प्लेसमेंट के लिए अपने पूर्व छात्रों की मदद मांगी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक IIT दिल्ली ने पहले के छात्रों को मेल कर मौजूदा छात्रों के लिए मदद मांगी है.

IIT दिल्ली ने RTI का जवाब देते हुए कहा है, “IIT दिल्ली के सेशन 2023-24 का प्लेसमेंट ड्राइव खत्म होने वाला है, हम एक बड़ी चुनौती से गुजर रहे हैं. हमारे सभी प्रयासों के बावजूद करीब 400 छात्रों को अभी तक नौकरी नहीं मिली है. इसके लिए हम अपने स्टूडेंट्स के नेटवर्क से संपर्क कर रहे हैं और वर्तमान छात्रों को नौकरी के अवसर प्रदान के लिए मदद मांग रहे हैं.”

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बिट्स समूह के कुलपति वी रामगोपाल राव ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया है, “हर जगह, प्लेसमेंट 20% से 30% कम हुआ है. अगर कोई संस्थान कह रहा है कि सभी छात्रों को नौकरी मिल गई है, तो नौकरियों की गुणवत्ता अच्छी नहीं है.”

बिट्स समूह के कुलपति ने कहा, ‘ये पहला साल है. ChatGPT और बड़े लैंग्वेज मॉडल ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. अगर दो लोग, तीन लोगों का काम कर सकते हैं, तो हम पहले ही बहुत अधिक नियुक्तियां कर चुके हैं. कई देशों में इस साल चुनाव हैं इसलिए कंपनियां ‘वेट एंड वाच’ की नीति अपना रही हैं.

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बता दें पिछले साल यानी कि 2023 में 4 हजार से अधिक छात्रों (करीब 23 प्रतिशत) का प्लेसमेंट नहीं हुआ था. वहीं साल 2022 में 3 हजार से अधिक (करीब 19 प्रतिशत) विद्यार्थियों का कैंपस सेलेक्शन नहीं हुआ था.

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सवाल यह उठता है कि अगर IIT करने वाले छात्रों की भी रोजगारी की गारंटी नहीं है तो फिर बाकी लोगों का क्या होगा?

 

Last Updated on May 23, 2024 11:14 am

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