कांग्रेस शासित राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर (Barmer) में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है. यहां आरटीआई कार्यकर्ता (RTI activist) अमराराम ( Amraram) के साथ बर्बरता करने का मामला सामने आया है. बर्बरता भी ऐसी की सुनकर रूह कांप जाए.
अमराराम लंबे समय से शराब की अवैध दुकानों को लेकर लड़ाई लड़ रहे थे. 30 साल के अमराराम का कुछ लोगों ने अपहरण किया. अपहरणकर्ताओं ने अमराराम की खूब पिटाई की. अपराधियों का मन यहां भी नहीं भरा.
उन्होंने अमराराम को खूब प्रताड़ित किया. बदमाशों ने लोहे की रॉड से अमराराम जाट के दोनों पैर तोड़ दिए और हथौड़े की मदद से उनके पैरों में कीलें ठोंक दी.
अपराधी यहां भी नहीं रुके. एक स्थानीय अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक बदमाशों ने अमराराम को मूत्र भी पिलाया. इसके बाद बदमाश उन्हें अधमरी अवस्था में गांव के पास सड़क किनारे फेंक कर फरार हो गए. फिलहाल उनका जोधपुर के जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
अमराराम ने कुछ दिनों पहले ही बाड़मेर के कुंपालिया ग्राम पंचायत में दो सरकारी योजनाओं, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और पीएम आवास योजना, में व्याप्त ‘भ्रष्टाचार’ के साथ-साथ ‘शराब के अवैध व्यापार’के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की थी. ग्राम पंचायत में होने वाले घोटालों को लेकर भी वे एक्टिविस्ट का काम कर रहे थे. जिसके बाद से वे शराब माफियाओं के निशाने पर थे.
कुछ दिन पहले ही अमराराम ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा था कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही है जिसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दे दी है. उन्होंने लिखा मैं आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा.
वहीं घटना के बाद से सभी आरोपी फरार हैं और मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. पुलिस का कहना है कि अज्ञात बदमाशों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत (हत्या का प्रयास) मामला दर्ज किया जा चुका है.
राजस्थान में आए दिन अपराधिक मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. एनसीआरबी (NCRB) के साल 2020 के आकड़ों पर नज़र डाले तो पता चलता है इस साल पूरे राजस्थान में 1 हजार 719 मामले दर्ज किए गए.
हत्या के मामलों में राजस्थान देश में छठे स्थान पर रहा. वहीं हत्या के प्रयास के मामलों की बात करें तो इसमें राजस्थान 2 हजार 62 मामलों के साथ 9वें स्थान पर रहा, जबकि पूरे राज्य में अपहरण के 6 हजार 234 मामले दर्ज किए गए.
अपहरण के मामलों में राजस्थान 7वें स्थान पर रहा. वहीं साल 2019 में राज्य में 2 लाख 25 हजार 306 केस दर्ज हुए हैं जो 2018 की तुलना में 31 फीसदी ज्यादा थे.
Last Updated on December 25, 2021 11:42 am