PM Modi ने कन्याकुमारी में जो ‘45 घंटों’ का ध्यान किया वह देश की ड्यूटी का हिस्सा, छुट्टी का नहीं!

PM Modi 45 hour Meditation
PM Modi 45 hour Meditation

PM Modi 45 hour Meditation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पूरे कार्यकाल में कभी छुट्टी नहीं ली. भारतीय जनता पार्टी (BJP) कार्यकर्ता या कई बड़े टीवी चैनलों को ऐसा कहते सुना होगा. अभी हाल ही में 18वीं लोकसभा संपन्न हुए हैं. आपको याद होगा, लोकसभा चुनाव अभियान ख़त्म होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ‘45 घंटों’ के लिए ध्यान पर थे. सारे टीवी चैनलों ने इसका लाइव प्रसारण भी किया था.

वहीं विपक्ष ने यह कहते हुए विरोध किया था कि अभी प्रचार खत्म हुआ है. चुनाव नहीं. इसलिए प्रधानमंत्री को ऐसे कार्यक्रम की फ़िलहाल इजाज़त नहीं मिलनी चाहिए. क्योंकि इससे वोटर्स प्रभावित होंगे. इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम हुआ.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई और एक जून 2024 के बीच कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान किया. BBC ने सूचना अधिकार के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से पूछा कि आप इसे छुट्टी मानते हैं या ड्यूटी?

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PMO ने BBC को जवाब में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने मई 2014 के बाद कार्यभार संभालने के बाद से एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली है. जवाब में यह भी बताया गया कि ‘प्रधानमंत्री हर वक़्त ड्यूटी पर रहते हैं’.

तो सवाल उठता है कि पीएम मोदी जब कन्याकुमारी में ध्यान धर रहे थे वो देश की ड्यूटी कर रहे थे? क्या कोई भी कर्मचारी अपने ऑफिस से छुट्टी लिए बिना पूजा या ध्यान कर सकते हैं?

‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर, मेकिंग एंड अनमेकिंग ऑफ़ डॉ. मनमोहन सिंह’ लिखने वाले और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू PMO के जवाब को हास्यास्पद बताते हैं.

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उन्होंने BBC से बात करते हुए कहा, “क्या कोई संगठन अपने कर्मचारी के ध्यान करने को ड्यूटी मानेगा? पीएम मोदी ने कन्याकुमारी में जो ध्यान किया वह उनकी औपचारिक ड्यूटी का हिस्सा है? एक और बात, जब पीएम उपलब्ध नहीं रहते तो उनकी ज़िम्मेदारी है कि किसी दूसरे मंत्री को ज़िम्मेदारी दें जो सरकार के कामों को चलाता रहे.”

‘हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड ’ किताब लिखने वाली वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी ने प्रधानमंत्रियों की कार्यशैली को बारीकी से जांचा है. उन्होंने BBC से बातचीत के दौरान PMO के जवाब को अटपटा बताया.

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उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा, “पीएम को अधिकार है कि वह पूजा करें, लेकिन इस तरह से साधना को ऑफिशियल ड्यूटी बताना मेरी समझ के बाहर की बात है. उनकी साधना के समय को आधिकारिक ड्यूटी बताने का कोई तर्क नज़र नहीं आता मुझे.”

Last Updated on August 13, 2024 11:08 am

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