UPSC में Lateral Entry रद्द करने का आदेश.. ‘400 पार’ के बाद क्या ऐसा संभव था?

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UPSC में Lateral Entry के विज्ञापन पर रोक लगा दी गई है. विपक्ष के बढ़ते हमले के बीच मंगलवार दोपहर यह फैसला लिया गया. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग मंत्री ( डीओपीटी ) जितेंद्र सिंह ने UPSC चेयरमैन को पत्र लिखा और भर्ती के विज्ञापन को रद्द करने का अनुरोध किया है.

जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि Lateral Entry की प्रक्रिया संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के आदर्शों पर आधारित होनी चाहिए, खासकर आरक्षण के प्रावधानों को लेकर.

पत्र में लिखा है कि ‘प्रधानमंत्री का मानना है कि सरकारी नौकरी में आरक्षण हमारे सामाजिक न्याय ढांचे की आधारशिला है, जिसका उद्देश्य समावेशिता को बढ़ावा देना है. UPSC ने हाल में वरिष्ठ अफ़सरों के 45 पदों पर नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया था. ये पद संयुक्त और उप सचिव स्तर के हैं. इस तरह की नियुक्तियों का विरोध करने वालों का कहना है इनमें आरक्षण का प्रावधान न होने से पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों का हक़ मारा जाएगा.’

कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने Lateral Entry को रद्द करने के अनुरोध वाले पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे. भाजपा की Lateral Entry जैसी साजिशों को हम हर हाल में हराकर रहेंगे.

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वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि Lateral Entry पर मोदी सरकार की चिट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताकत ही हरा सकती है. राहुल गांधी, कांग्रेस और INDIA पार्टियों की मुहिम से सरकार एक कदम पीछे हटी है.

Last Updated on August 29, 2024 4:32 pm

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