देश में ओमीक्रॉन का ख़तरा लगातार बढ़ रहा है. वहीं कोरोना मामलों की संख्या भी तेजी से बढ़ने लगी है. ऐहतियातन यूपी, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा समेत कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. पीएम मोदी भी कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर लोगों से सावधानी बरतने की अपील कर रह हैं. हालांकि चुनावी रैली को लेकर अब तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. दिन में होने वाली इन रैलियों में आने वाली असंख्य भीड़ पर बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने तंज कसा है. सासंद ने अपने ट्वीटर पर सरकार के इस दोहरे रवैये को लेकर सवाल खड़े किये हैं.
वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना –यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है. उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें इमानदारी से यह तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमिक्रॉन के प्रसार को रोकना है अथवा चुनावी शक्ति प्रदर्शन.’ सांसद वरुण इन दिनों अपनी सरकार से नाखुश नजर आ रहे है. यही वजह है कि ट्वीटर पर आए दिन वरुण गांधी सरकार की आलोचना करते साफ देखे जा सकते है.
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट भी प्रधानमंत्री से अपील कर चुका है कि देश में ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनावी रैलियों पर रोक लगाई जाए. यही नहीं खुद प्रधानमंत्री भी टीवी पर ‘मन की बात कार्यक्रम’ और ‘राष्ट्र के नाम संबोधन’ में कहा था कि देश को कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन पर सचेत रहने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने लोगों से सावधान व सतर्क रहने को कहा. प्रधानमंत्री ने कोरोना नियमों का पालन पूरी तरह करते रहने की अपील भी लोगों से की.
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक फ़ैसले को लेकर भी उनका मज़ाक बनाया जा रहा है. दरअसल, योगी सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोविड गाइडलाइन जारी की है. जिसमें नाइट कर्फ्यू और शादियों में अधिकतम 200 मेहमानों की सीमा तय की गई है. एक तरफ योगी सरकार ने शादियों में मेहमानों की सीमा तय की है, वहीं दूसरी तरफ चुनावी रैलियों में जमकर भीड़ जुटाई जा रही है.
वहीं इन दिनों यूपी में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रदेश के अलग अलग जिलों में जन विश्वास यात्रा निकाली जा रही है. इस यात्रा के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गाजियाबाद में एक रोड़ शो किया था जिसमें भारी भीड़ जुटी थी.
नाइट कर्फ्यू की घोषणा से एक दिन पहले ही बनारस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने हजारों की भीड़ को संबोधित किया. इस रैली में हज़ारों की संख्या में लोग जमा हुए दिखाई दे रहे थे. इतना ही नहीं सोशल डिस्टेंसिंग तो छोड़ दीजिए, इनमें से किसी ने मास्क तक नहीं लगाया था.
आपको याद होगा इसी साल अप्रैल-मई में कोविड की दूसरी लहर के बीच उत्तर प्रदेश में हुए ‘ऐतिहासिक’ पंचायत चुनावों के दौरान कई लोगों की जानें गई थीं. चार चरणों में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और उसके बाद हुई मतगणना के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला. कई लोगों की मौत अस्पताल जाने से पहले ही हो गई थी. चुनाव ड्यूटी में लगे हजारों सरकारी कर्मचारी कोरोना संक्रमण के साथ अपने घर पहुंचे और इनमें से कइयों ने अपनी जान तक गंवा दी. ऐसे में एक बार फिर कोरोना की तीसरी संभावित लहरों के बीच चुनावी रैलियों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.
बता दें, उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं. उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 403 सीटों वाली विधानसभा में से 312 सीटें हासिल की थीं, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) को 47 सीटें मिली थीं. बसपा को 19 और कांग्रेस केवल 7 सीटों पर ही जीतने में कामयाब रही.
Last Updated on December 27, 2021 9:48 am