चम्पावत: भोजनमाता विवाद में अब दलित छात्र-छात्राओं ने किया खाना खाने से इंकार

उत्तराखंड (uttrakhand) के चम्पावत (Champawat) जिले के राजकीय इंटर कॉलेज सूखीढांग में एक दलित महिला को भोजनमाता (Bhojanmata) नियुक्त करने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. पहले सर्वण बच्चों ने दलित महिला के हाथ का बना खाना खाने से मना कर दिया था. अब दलित छात्र-छात्राओं ने सवर्ण जाति की भोजनमाता के हाथ का बना खाना खाने से मना कर दिया है.

स्कूल में पढ़ने वाले एससी वर्ग के छात्रों का कहना है कि जब सवर्ण छात्र दलित महिला के हाथ का बना खाना नहीं खा सकते तो हम भी सवर्ण महिला द्वारा बनाया भोजन क्यों खाएं? स्कूल के प्रिंसिपल प्रेम सिंह ने शिक्षा विभाग को मामले से अवगत करवाते हुए एक चिट्ठी भेजी है, जिसमें लिखा है कि दलित छात्र-छात्राओं ने ऊंची जाती की महिला के हाथ का बना खाना खाने से मना कर दिया है. बता दें कि ये सभी छात्र-छात्राएं दलित महिला को भोजनमाता की नौकरी से निकाले जाने का विरोध कर रहे है. इस स्कूल में छठी से आठवी तक के 58 छात्र-छात्राएं है जिसमें से 23 दलित छात्र-छात्रा है.

अब इस विवाद पर शिक्षा विभाग की ओर से जांच के आदेश दे दिए है. जांच की जिम्मेदारी एडी बेसिक अजय नौटियाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित और बीईओ अंशुल बिष्ट को दी गई है. मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने कुमाऊं के DIG नीलेश आनंद भरने को घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, चम्पावत के सूखीढांग के एक स्कूल में दलित महिला के मिड-डे-मिल बनाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. स्कूल के सवर्ण छात्रों ने भोजनमाता के दलित होने के कारण उसके हाथ का बना खाना खाने से इंकार कर दिया. 13 दिसंबर को सुनीता देवी नाम की इस महिला की नियुक्ति की गई थी.

महिला द्वारा पहले दिन स्कूल में खाना बनाया गया तो सवर्ण छात्रों ने महिला के हाथ का बना खाना खाने से इंकार कर दिया. मामला बढ़ता देख जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित ने भोजनमाता की नियुक्ति को अवैध बताकर दलित महिला को नौकरी से बर्खास्त कर दिया और अग्रिम आदेश तक नियुक्ति पर रोक लगा दी थी.

शिक्षा अधिकारी ने बताया कि महिला की नियुक्ति में तय नियमों का पालन नहीं किया गया था. इसलिए महिला को नौकरी ने बर्खास्त कर दिया गया है. साथ ही आरसी पुरोहित ने बताया कि ‘जिलाधिकारी ने एक कमिटी बनाई है, जो मामले की निष्पक्ष जांच करेगी. इसके अलावा हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि नियमों का पालन करते हुए भोजनमाता की नियुक्ति हो.

Last Updated on December 27, 2021 12:48 pm

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