जब Javed Akhtar ने 6 दिनों में पिता का घर छोड़ा, 2 साल मुफ़्लिसी में गुजारे

1969 में जावेद को ठीक ठाक काम मिलना शुरू हुआ. इसी साल रिलीज फिल्म ‘यकीन’ में डायरेक्टर ब्रिज सदाना को जावेद असिस्सट कर रहे थे. एक बार डॉयलॉग का गलत पर्चा पकड़ा देने पर धर्मेंद्र, जावेद अख़्तर पर बुरी तरह झुंझला उठे.

Javed-Akhtar untold story
Javed-Akhtar untold story

Salim-Javed की जोड़ी में सलीम ख़ान के अमीर बैकग्राउंड की तुलना में जावेद अख़्तर का बचपन इतना शानदार नहीं बीता. जानेमाने शायर और फिल्म गीतकार जां निसार अख़्तर और साफिया अख़्तर के घर ग्वालियर में 17 जनवरी 1945 को जावेद अख़्तर का जन्म हुआ.

जावेद अख़्तर की मां के साथ बचपन वाली तस्वीर में साथ नज़र आ रहे उनके छोटे भाई सलमान अख़्तर डॉक्टर हैं और अमेरिका के जानेमाने साइकाइट्रिस्ट हैं. जावेद का बचपन और लड़कपन लखनऊ, अलीगढ़ और भोपाल की गलियों में बीता. सलीम ख़ान की तरह ही जावेद ने भी बहुत कम उम्र में ही अपनी मां को खो दिया था, जब वो महज आठ साल के थे.

वो अपने ग्रैंड पेरेंट्स के साथ लखनऊ में रहते थे तो उनका दखिला क्लास 6 में कैल्विन तालुकादार स्कूल में कराया गया. यहां बहुत अमीरों के बच्चे पढ़ने आते थे. उन्हें देखकर ही जावेद ने ठान ली कि बड़े होकर अमीर बनना है.

थोड़ा बड़ा होने पर जावेद के छोटे भाई सलमान तो लखनऊ में ही ग्रैंड पेरेंट्स के पास रहे लेकिन जावेद को एक महिला रिश्तेदार के पास अलीगढ़ भेज दिया गया. यहीं से मैट्रिकुलेशन करने के बाद जावेद 15 साल की उम्र में भोपाल आ गए. यहां वो सौतेली मां के साथ कुछ दिन रहे लेकिन फिर कॉलेज के दोस्त के साथ रहना शुरू कर दिया जो किराए के कमरे में रहता था. यही से साफिया कॉलेज से जावेद ने बीए किया. कॉलेज में डिबेट में जावेद को बहुत अच्छा माना जाता था. उर्दू पर जावेद की बहुत अच्छी पकड़ थी.

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4 अक्टूबर 1964 को 19 साल की उम्र में जावेद मुंबई आ गए. छह दिन में ही जावेद ने पिता का घर छोड़ दिया. दो साल जावेद ने मुफ़्लिसी में गुजारे. न ख़ाने का ठिकाना था और न रहने का. कभी कोहिनूर मिल तो कभी कमाल स्टूडियो को जावेद ने रात गुज़ारने का ठिकाना बनाया. महाकाली गुफ़ा में भी कुछ दिन बिताए.

जो काम कहीं से मिलता असिस्टेंट डायरेक्टर, राइटिंग जावेद कर लेते. 1969 में जावेद को ठीक ठाक काम मिलना शुरू हुआ. इसी साल रिलीज फिल्म ‘यकीन’ में डायरेक्टर ब्रिज सदाना को जावेद असिस्सट कर रहे थे. एक बार डॉयलॉग का गलत पर्चा पकड़ा देने पर धर्मेंद्र, जावेद अख़्तर पर बुरी तरह झुंझला उठे. हालांकि बाद में धर्मेंद्र ने युवा जावेद अख़्तर को बुला कर प्यार से समझाया कि वो नीले कॉन्टेक्ट लैंस की वजह से परेशान थे और गुस्सा खा बैठे.

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जावेद अख़्तर ने एक्ट्रेस हनी ईरानी से 21 मार्च 1972 को शादी की. इस शादी से दो संतान हुईं- बेटी जोया और बेटा फ़रहान. जावेद अख़्तर ने 1984 में शबाना आज़मी से दूसरी शादी की.

वरिष्ठ पत्रकार Khushdeep Sehgal के फेसबुक पेज से.

Last Updated on September 1, 2024 11:55 am

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