पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने 2-2 लाख़ रुपये मुआवज़ा देने की घोषणा की है. उन लोगों के लिए जिनकी जान स्वास्थ्य सेवा बंद होने से गई है. क्योंकि 9 अगस्त को आर जी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Mediacal College) अस्पताल में जूनियर डॉक्टर (Junior Doctor Raped) के साथ बलात्कार और हत्या की घटना हुई. और तब से जूनियर डॉक्टरों का एक वर्ग विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन (Junior Doctors Protest) कर रहा है. इस वजह से ओपीडी में काम बंद है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को मुआवज़े की घोषणा की. इससे पहले ममता बनर्जी ने आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया था. यह बैठक राज्य सचिवालय नबन्ना में होने वाली थी. कोशिश थी कि जूनियर डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच बातचीत कर मामला सुलझाया जाए और अस्पतालों में काम-काज शुरू किया जा सके.
हालांकि मुख्यमंत्री नबन्ना सभाघर में दो घंटे से अधिक समय तक इंतजार करती रहीं. वहीं जूनियर डॉक्टर भी सभाघर गेट के ठीक बाहर ही बैठे रहे. फिर दोनों के बीच बातचीत क्यों नहीं हुई?
Indian Express के मुताबिक़ जूनियर डॉक्टर्स की मांग थी की मुख्यमंत्री और उनके बीच हो रही बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग की जाए. लेकिन ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी. और इस वजह से सभागार के अंदर और गेट के बाहर सीएम और आंदोलनकारी डॉक्टर्स बैठे रह गई लेकिन बातचीत नहीं हो पाई.
ये भी पढ़ें- Kolkata rape-murder case: बदलाव के लिए दूसरे अपराध का इंतज़ार नहीं कर सकते-SC
शुक्रवार को, बनर्जी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि जूनियर डॉक्टरों द्वारा लंबे समय तक काम बंद करने के कारण स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान के कारण हमने 29 कीमती जिंदगियां खो दी हैं.”
It is sad and unfortunate that we have lost 29 precious lives due to disruption in health services because of long drawn cease work by junior doctors.
In order to extend a helping hand to the bereaved families, State Government announces a token financial relief of Rs. 2 lakh…
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) September 13, 2024
उन्होंने आगे कहा, ‘शोक संतप्त परिवारों की ओर मदद का हाथ बढ़ाने के लिए, राज्य सरकार ने वित्तीय राहत की घोषणा की है. प्रत्येक मृत व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.’
ये भी पढ़ें- आगरा की एक इंजीनियरिंग छात्रा को सड़क पर अपने कपड़े क्यों उतारने पड़े?
वहीं जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार के दावों को खारिज किया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वरिष्ठ डॉक्टर और रेजिडेंट डॉक्टर ओपीडी, आपात स्थिति और वार्डों में चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.
Last Updated on September 13, 2024 8:59 pm