दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Kejriwal) जेल से बाहर तो आ गए. लेकिन बतौर राजनेता अब उनका मुख्य फोकस होगा, ‘मिशन इलेक्शन’. सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को उन्हें जमानत मिली लेकिन कुछ प्रतिबंधों के साथ. मुख्यमंत्री, कोई भी काम नहीं कर पाएंगे. वे सचिवालय या अपने कार्यालय नहीं जा पाएंगे. किसी भी फाइल पर साइन नहीं कर पाएंगे. जब तक फाइल को उपराज्यपाल की मंजूरी या अनुमोदन की ज़रूरत ना पड़े. तो फिर CM Kejriwal क्या करेंगे?
CM Kejriwal प्रचार करने के लिए स्वतंत्र है. वे देश के भीतर यात्रा कर सकते हैं. लोगों से मिल सकते हैं. यानी कुल मिलाकर सिर्फ चुनाव प्रचार ही कर सकते हैं. AAP (आम आदमी पार्टी) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह ‘मिशन इलेक्शन’ का पहला क़दम हो सकता है. क्योंकि हरियाणा में 21 अक्टूबर को चुनाव होने वाला है. AAP ने 90 में से 89 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. इससे पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोशिश की गई थी लेकिन बात नहीं बनी.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने Indian Express से कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से, पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह, साथ ही सीएम की पत्नी सुनीता केजरीवाल राज्य में प्रचार कर रहे हैं. अब उनके साथ सीएम के भी शामिल होने की उम्मीद है. पार्टी पर लगातार हो रहे हमलों के कारण हरियाणा में चुनाव अभियान उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा. लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को अदालतों से राहत मिलने के बाद प्रचार में तेजी आई है.’
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वहीं एक अन्य नेता ने बताया कि मौजूदा समय में AAP के लिए चुनौती, दिल्ली चुनाव है. फरवरी में केजरीवाल सरकार का कार्यकाल ख़त्म हो रहा है. उन्होंने Indian Express से कहा, ‘दिल्ली हमारी राजनीति का मुख्य आधार है. यहीं से हमारा संघर्ष शुरू हुआ. इस बीच हमने पंजाब में भी सरकार बनाई है, जो एक पूर्ण राज्य है. इस बार दिल्ली के लोगों के अधिकारों की लड़ाई हमारी राजनीति के केंद्र में होगी. हरियाणा चुनाव खत्म होने के बाद पार्टी का पूरा ध्यान संगठन को मजबूत करने, दिल्ली में घर-घर जाकर प्रचार करने और लोगों को यह दिखाने पर होगा कि केंद्र ने AAP को कैसे प्रताड़ित किया है.’
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वहीं राज्य मंत्री आतिशी ने शुक्रवार दोपहर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘शहर में रुके हुए सभी काम अगले कुछ दिनों में शुरू हो जाएंगे. दिल्ली के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. पिछले 6-7 महीनों में जो भी काम रुके हुए थे और लोगों को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, उन्हें सीएम के जेल से बाहर आने के बाद हल किया जाएगा.’
फ़िलहाल सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत तो दी है लेकिन शर्तों के साथ. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस पर कानूनी राय ली जा रही है. ख़ासकर अधिकारियों के साथ सीएम की मीटिंग को लेकर और इसके लिए कार्यालय में उपस्थित होने को लेकर.
जेल से बाहर आने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पहुँचा। https://t.co/BVeL8mlR5j
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 13, 2024
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बता दें कि AAP सरकार ने इस साल बजट में महिलाओं को 1,000 रुपये मासिक सहायता देने का वादा किया था. जिसको अभी मंजूरी मिलना बाकी है. क्योंकि इस घोषणा के कुछ दिनों बाद ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CM केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था. तब मंत्री ने इस फ़ैसले की घोषणा करते हुए कहा था कि महिलाओं को अक्टूबर महीने से पैसे मिलने लग जाएंगे. हालांकि अब तक कैबिनेट ड्राफ्ट फ़ाइनल नहीं हो पाया है. इसके बाद ड्राफ्ट का निरीक्षण होगा. फिर सीएम केजरीवाल का साइन और फिर उपराज्यपाल के पास भेजा जाएगा, आख़िरी मुहर के लिए.
Last Updated on September 15, 2024 10:22 pm