Edible Oil Survey: 24.2% तेल खराब क्वालिटी के, कौन कर रहा सेहत से खिलवाड़?

Edible Oil Survey 2020: हाल ही में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खाने में इस्तेमाल होने वाले 24.2% एडिबल ऑयल खराब क्वालिटी के हैं, जबकि 12.8% तेलों में ब्रांडिंग की गड़बड़ी पाई गई है.

इसके लिए FSSAI की ओर से एक सर्वे किया गया. इसमें देश के 587 जिलों और चार मेट्रो शहरों से 15 तरह के खाद्य तेलों के 4,461 नमूने इकट्ठा किये गए थे. FSSAI के अनुसार इसमें से 2.42 फीसदी यानी 108 नमूनों को पूरी तरह से खराब पाया गया है. इन खाद्य तेलों में Vitamin A और Vitamin D जैसे अवयव मिलने का दावा किया गया था, लेकिन परीक्षण के दौरान इनमें ऐसा कुछ नहीं पाया गया. खाद्य तेलों में अन्य तेल अथवा रसायनों की मिलावट देखने को मिली है. इतना ही नहीं, 2.42% में खतरनाक केमिकल और पेस्टीसाइड पाए गए.

सैंपल में Moisture और भारी मेटल के साथ आफ्लाटॉक्सिन्स और कीटनाशक जैसे घातक रसायन पाए गए. ये रसायन मानव शरीर के लिए काफी घातक साबित हो सकते हैं. इन नमूनों में हाईड्रोसाइनिक एसिड भी पाया गया जो एक तरह का जहरीला रसायन होता है. इसके अलावा बीआर रीडिंग, फैटी एसिड प्रोफाइल और आयोडीन वैल्यू जैसे अन्य अवयव भी तय मानक से ज्यादा पाए गए, जो आपकी सेहत पर गंभीर असर डाल सकते हैं.

कुछ तेल सैंपल्स के लेबल पर गलत सूचना पाई गई थी, जो FSSAI नियमों का उल्लंघन है. बता दें कि FSSAI की ओर से देशभर में 25 से 27 अगस्त 2020 के दौरान 15 खाद्य तेलों जैसे सरसों तेल, नारियल तेल, पाम तेल, मूंगफली तेल, कनोला तेल, राइस ब्रेन ऑयल, तिल का तेल, मक्के का तेल, अलसी का तेल जैसे अन्य तेलों के नमूने जुटाए थे. जिन्हे परीक्षण के लिए देशभर की प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भेजा गया था.

FSSAI की ओर से इस बाबत 9 सितंबर को तेल कंपनियों के साथ बैठक की गई. बैठक में ‘ऑयल सर्वे रिपोर्ट’ को साझा कर कंपनियों से गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर बातचीत की गई. यही नहीं खाद्य नियामक ने तेल उत्पादक कंपनियों को मिलावट रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा है. इस बैठक में राज्यों के खाद्य विभाग के अधिकारी, तेल प्रसंस्करण कंपनियों के प्रतिनिधि, संबंधित मंत्रालय और विभागों के प्रतिनिधि शामिल रहे. साथ ही कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का नियम बनाने के आदेश दिए हैं.

Last Updated on December 30, 2021 2:32 pm

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