Gujarat Railway Track fish plate found removed: गुजरात में सूरत के पास वडोदरा में दो दिन पहले रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया था. ख़ुद को तेज और विश्वसनीय बताने वाले चैनलों के पास इतने लोग नहीं थे कि ख़बर की पड़ताल की जाए. जबकि मामला तो कुछ और ही निकला. यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि देश के ज़्यादातर लोग मीडिया पर भरोसा करते हैं. तो क्या उन्हें भी इस ज़िम्मेदारी का अहसास है. बिना मामले को समझे, जिस तरह ख़बर लिखा गया, उससे लगा यह कि जैसे पूरी कायनात सरकार को बदनाम करने की साज़िश कर रही है.
यूपी के पत्रकार Ranvijay Singh अपने एक्स हैंडल पर लिखते हैं- 2 दिन पहले खबर आई. गुजरात में रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट खोल दी गई. तुरंत खबर चली- आतंकी साजिश. ट्वीट हुए- सरकार को बदनाम करने की साजिश. जबकि हकीकत कुछ और है. रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट को रेलवे के कर्मचारी ने ही खोला था. फिर खुद ही इसकी खबर दी. क्योंकि रेलवे कर्मचारी प्रमोशन पाना चाहता था.
2 दिन पहले खबर आई. गुजरात में रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट खोल दी गई.
• तुरंत खबर चली- आतंकी साजिश
• ट्वीट हुए- सरकार को बदनाम करने की साजिशहकीकत है 👇
रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट को रेलवे के कर्मचारी ने ही खोला था. फिर खुद ही इसकी खबर दी.
रेलवे कर्मचारी प्रमोशन पाना चाहता था.
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) September 23, 2024
उन्होंने आगे लिखा- सेंट्रल रेलवे मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वपनिल नीला ने बताया. जो डेटोनेटर्स बरामद किए गए हैं, उन्हें रेलवे की ओर से ही इस्तेमाल किया जाता है. वे ट्रैक या ट्रेन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. इनका इस्तेमाल ट्रेन को इमरजेंसी में रोकने के लिए होता है.
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क्या है मामला?
गुजरात के सूरत में शुक्रवार तड़के सुबह रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ की ख़बर मिली थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पटरी से फिश प्लेट और 71 कीज हटा दी गई. जबकि दो फिश प्लेट उसी पटरी पर रखी मिली. हालांकि की-मैन सुभाष कुमार ने ये फिश प्लेट पटरी पर रखी देख ली और बड़े हादसे से बचा लिया.</p
Hello @smitaprakash, @ANI, Here’s an update: This conspiracy was hatched by keyman Subhash Kumar himself who had alerted the loco pilot. Subhash executed the conspiracy to get promotion. Subhash thought that he would soon get promotion due to his alertness to prevent a major… https://t.co/nV5MiNe5JE
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) September 23, 2024
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अब इस मामले को लेकर हैरान करने वाला ख़ुलासा हुआ है. रेलवे के मुताबिक़ की-मैन सुभाष ने ही प्रमोशन पाने के लिए पूरे षड्यंत्र को अंजाम दिया था. कीज और फिश प्लेटें भी उसी ने ही निकाली थीं.
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फ़िलहाल पुलिस जांच में जुटी है कि सुभाष ने यह काम अकेले किया या किसी की मदद से?
Last Updated on September 23, 2024 8:04 pm