मांओं ने जिस दिन लंबी उम्र के लिए रखा था Jitiya व्रत, उसी दिन डूबने से 37 बच्चों की मौत

जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने घटना पर चिंता ज़ाहिर करते हुए अभिभावकों से भी सतर्क रहने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि अभिभावकों को अपने बच्चों को अकेला नदी या तालाबों में नहाने के लिए नहीं भेजना चाहिए.

Jitiya festival (PC- X@DDNewslive)
Jitiya festival (PC- X@DDNewslive)

Jitiya festival: बुधवार के दिन यानी कि 25 सितंबर को बिहार से बेहद ही दुखद ख़बर आई. पूरे राज्य में एक तरफ संतान की लंबी उम्र (दीर्घायु) के लिए जितिया पर्व मनाया जा रहा था. मांएं दो दिनों का निर्जला उपवास कर रही थीं. ठीक उसी दिन अलग-अलग जगहों पर डूबने­ से 46 लोगों की मौत हो गई. इनमें 7 महिलाएं, 2 पुरुष और 37 बच्चे थे. इस घटना से कई परिवारों में मातम फैल गया है. बिहार सरकार ने प्रेस रिलीज कर मरने वालों की संख्या की पुष्टि की है.

वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर शोक जताते हुए मरने वालों के परिवारवालों को 4-4 लाख रुपये की मदद की घोषणा की है. यह घटना वैशाली, मुज़फ़्फ़रपुर, समस्तीपुर, नालंदा, कैमूर, बक्सर, पश्चिमी चंपारण, सीवान, गोपालगंज, रोहतास, सारण, अरवल और औरंगाबाद में घटित हुई है. औरंगाबाद में सबसे अधिक मौतें हुईं हैं. यहां 9 बच्चियों समेत 10 की मौत हुई है.

औरंगाबाद के स्थानीय लोगों का आरोप है कि गहराई ज्यादा होने की वजह से बच्चों की जान गई. वहीं लघु जल संसाधन विभाग ने इन आरोप को सिरे से ख़ारिज़ किया है. हालांकि बिहार सरकार में आपदा प्रबंधन और लघु जल संसाधन मंत्री संतोष सुमन ने मामले की जांच करवाने की मांग की है.

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वहीं सत्ताधारी जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने घटना पर चिंता ज़ाहिर करते हुए अभिभावकों से भी सतर्क रहने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि अभिभावकों को अपने बच्चों को अकेला नदी या तालाबों में नहाने के लिए नहीं भेजना चाहिए.

Last Updated on September 29, 2024 1:00 pm

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