Delhi Pollution: जहरीली हवा में सांस ले रहे बच्चे-बुजुर्ग, SC को भी सीरियस नहीं ले रही सरकारें?

अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट रूम के अंदर AQI का स्तर 990 से ऊपर है. ऐसे में अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से नीचे भी जाता है, तब भी GRAP का चौथा चरण अगले आदेश तक लागू रहेगा.

Delhi Air Pollution: सांस लेना हुआ मुश्किल
Delhi Air Pollution: सांस लेना हुआ मुश्किल

दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Pollution) की स्थिति गंभीर बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने ख़तरनाक स्थिति पर सवाल उठाए हैं. राजधानी में वायु प्रदूषण (Air Pollution) में पराली के धुएं का योगदान 40 फीसदी होता है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन आने वाली मौसम पूर्वानुमान एजेंसी सफर ने यह डाटा उपलब्ध कराया है. फ़िलहाल दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 494 पर पहुंच गया है. जबकि कई जगहों पर 900 के ऊपर भी है.

राजस्थान और दिल्ली में पिछले पांच सालों में इस बार पराली जलाने की सबसे अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं. वहीं पंजाब और हरियाणा में प्रशासन की सख्ती का असर दिखा है. यहां पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं. फिर भी पराली जलाने से रोकना अभी भी एक चुनौती बना हुआ है.

दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण की पाबंदियां लागू की गई हैं. ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में निर्माण कार्यों पर रोक, और स्कूलों में 10वीं व 12वीं को छोड़ अन्य छात्रों की पढ़ाई बंद कर ऑनलाइन कक्षाएं चलाने जैसे उपाय किए गए हैं.

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने वायु प्रदूषण की खतरनाक होती स्थिति को उत्तर भारत के लिए ‘चिकित्सीय दृष्टि से आपातकाल’ करार दिया है. हालांकि दिल्ली सरकार को प्रदूषण से निपटारे के लिए अभी विस्तृत कार्ययोजना पेश करनी है. अदालत ने दिल्ली सरकार को प्रदूषण के स्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी को कम करने के उपाय के बारे में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है.

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को दिल्ली सरकार से पूछा कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने के संकेतों के बावजूद इसे काबू करने के उपायों को लागू करने में इतनी देर क्यों लगाई गई? न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह के पीठ ने कहा, ‘जब शहर में एक्यूआई 300 और 400 बिंदु की तरफ बढ़ रहा था, उसी समय ग्रेप के चौथे चरण के तहत लगने वाली पाबंदियों को अमल में लाया जाना चाहिए था.’

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अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट रूम के अंदर AQI का स्तर 990 से ऊपर है. ऐसे में अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से नीचे भी जाता है, तब भी GRAP का चौथा चरण अगले आदेश तक लागू रहेगा. सभी NCR राज्यों को GRAP का चौथा चरण लागू करने का निर्देश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह राज्य और केंद्र का संवैधानिक दायित्व है कि नागरिक प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहें. कोर्ट ने कहा कि सभी पक्ष गुरुवार तक आदेश के पालन को लेकर हलफनामा दाखिल करें. शुक्रवार को सुनवाई होगी.

कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और विश्व बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘यदि प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं किया गया तो भारत की विकास यात्रा को गहरा धक्का लग सकता है और लगातार वृद्धि का सिलसिला थम सकता है.’

प्रदूषण से नुकसान-
1. जहरीली हवा में ज्यादा समय तक रहने से सांस और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
2. प्रदूषण के कारण सांस लेने में परेशानी हो सकती है, खासकर अस्थमा और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों वाले लोगों में.
3. प्रदूषण से दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है और रक्तचाप बढ़ा देता है.

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4. प्रदूषण के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जैसे कि तनाव, चिंता और अवसाद.
5. प्रदूषण के कारण यातायात और परिवहन पर भी प्रभाव पड़ सकता है, जैसे कि उड़ानों में देरी और सड़क यातायात में बाधा.

Last Updated on November 19, 2024 11:03 am

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