RBI ने 5 साल बाद repo rate में की कटौती, अर्थव्यवस्था क्यों पड़ रही है सुस्त?

रेपो दर में कटौती के प्रभाव को लेकर भी विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है. कुछ मानते हैं कि RBI के इस फ़ैसले से अर्थव्यवस्था को जरूरी प्रोत्साहन मिलेगा.
वहीं कुछ, कटौती के प्रभाव को सीमित बता रहे हैं.

RBI repo rate में कटौती से क्या बदलेगा?
RBI repo rate में कटौती से क्या बदलेगा?

RBI cuts repo rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगभग पांच साल के अंतराल के बाद अपनी प्रमुख ब्याज दर, repo rate में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है. इस कटौती के बाद repo rate 6.50 प्रतिशत से घटकर 6.25 प्रतिशत हो गई है.

रेपो दर में कटौती कर अर्थव्यवस्था को गति देने की कोशिश की गई है. RBI ने यह कदम सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया है. साथ ही उन्हें उम्मीद है कि इस कटौती के बाद महंगाई पर नियंत्रण हो सकेगा. हालांकि खुदरा महंगाई संतोषजनक स्तर पर है, लेकिन RBI इसे और नियंत्रण में रखने के लिए सतर्क है.

रेपो दर में कटौती का आम आदमी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. जैसे कि बैंकों के लिए कर्ज की लागत कम होगी. जिससे बैंक अपने ग्राहकों के लिए ब्याज दरें घटा सकते हैं. इससे मकान, गाड़ी और अन्य कर्जों की मासिक किस्तों (EMI) में कमी आने की उम्मीद है.

EMI में कमी से लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसे बचेंगे और उपभोक्ता खर्च में वृद्धि करेंगे. कम ब्याज दरें व्यवसायों को नए निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं, जिससे आर्थिक गतिविधि में तेजी आ सकती है.

हालांकि रेपो दर में कटौती के प्रभाव को लेकर भी विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है. कुछ मानते हैं कि RBI के इस फ़ैसले से अर्थव्यवस्था को जरूरी प्रोत्साहन मिलेगा.
वहीं कुछ, कटौती के प्रभाव को सीमित बता रहे हैं. उनके मुताबिक RBI को आगे और कदम उठाने की आवश्यकता होगी.

Last Updated on February 8, 2025 1:27 pm

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