Delhi Election: यमुना सफाई की तुरही बजाने वाली मीडिया ने आपको बताया गंगा कब होगी निर्मल?

आज उसी परम प्रतापी सरकार पर दिल्ली मीडिया भरोसा दिखा रही है. बिना यह पूछे कि ‘मां गंगा’ का क्या हुआ? यमुना की सफाई पर कुछ मशीनें नदी में दिखीं और मीडिया ले उड़ी. लग गई सरकार के प्रचार में.

Delhi Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम आए एक सप्ताह हो चुका है. 70 में से 48 सीट जीतने वाली बीजेपी अब तक तय नहीं कर पाई है कि सीएम फेस कौन होगा. बीजेपी से इस बार तीन पूर्व सीएम के बच्चे जीते हैं. प्रवेश वर्मा, पिता साहिब सिंह वर्मा. हरीश खुराना पिता मदन लाल खुराना. बांसुरी स्वराज माता सुषमा स्वराज. बीच में ख़बर आई कि दिल्ली में इस बार कोई महिला सीएम हो सकती है. बताया गया कि महिला सीएम की लिस्ट में शिखा राय सबसे आगे हैं. शिखा राय पहले मेयर रह चुकी हैं. इनके अलावा बीजेपी विधायक रेखा गुप्ता और पूर्व संसाद मीनाक्षी लेखी भी चर्चा में हैं. इसके अलावा नई दिल्ली सीट से सांसद बांसुरी स्वराज भी प्रबल उम्मीदवार मानी जा रही हैं.

न्यूज़ चैनल पर जैसे ही इस बात की चर्चा शुरू हुई कि अब तक सीएम चेहरा क्यों नहीं तय हो पाया है, बीजेपी ने सिलेबस बदल दिया? सोमवार से न्यूज़ चैनलों पर चर्चा का मूड बदल गया है. अब कोई नहीं पूछ रहा है कि एक सप्ताह बाद भी नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा जैसे परम प्रतापी नेतृत्व वाली पार्टी एक राज्य का सीएम क्यों नहीं ढूंढ़ पा रही है?

एक बार गूगल करें. देखें कि चर्चा किस बात पर हो रही है.
1. ‘यमुना की सफाई का काम शुरू, लगाई गईं मशीनें; LG ने शेयर किया वीडियो’
2. चुनाव जीतते ही सफाई शुरू, अधिकारी ने बता दिया कब तक दिल्ली में साफ हो जाएगी यमुना? पूरा प्लान जानिए
3. Yamuna Cleaning Video: ‘आप’ की सरकार जाते ही यमुना की सफाई शुरू, तीन साल का प्लान तैयार
4. यमुना की सफाई पर दिल्ली के ACS का तारीख के साथ “100% वाला” दावा, प्लान भी समझाया
5. दिल्ली में यमुना की सफाई के लिए पहुंच गईं बड़ी-बड़ी मशीनें, LG बोले- जो वादा किया वो निभाया

याद कीजिए साल 2014 का चुनाव. नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार के दौरान और प्रधानमंत्री बनने के बाद क्या बोलते थे? ‘न मुझे किसी ने भेजा है, न मैं आया हूं, मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है.’

ये भी पढ़ें- New Delhi Station: “140 करोड़ हैं तो भीड़ में चप कर मरेंगे, बोगियों में सांसे उखड़ेंगी, कुंभ में रौंदे जाएंगे..”

2014 में न्यूयॉर्क में मैडिसन स्क्वायर गार्डन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था, “गंगा नदी का न सिर्फ़ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि देश की 40% आबादी गंगा नदी पर निर्भर है. अगर हम इसे साफ करने में सक्षम हो गए तो यह देश की 40 फीसदी आबादी के लिए एक बड़ी मदद साबित होगी. अतः गंगा की सफाई एक आर्थिक एजेंडा भी है.”

नदी को पुनर्जीवित करने के लिए ‘नमामि गंगे’ नाम का गंगा संरक्षण मिशन का शुभारंभ भी किया गया. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नदी की सफाई के लिए बजट को चार गुना करते हुए पर 2019-2020 तक नदी की सफाई पर 20,000 करोड़ रुपए खर्च करने की केंद्र की प्रस्तावित कार्य योजना को मंजूरी दे दी और इसे 100% केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ एक केंद्रीय योजना का रूप दिया.

2014 से लेकर 2022 तक मोदी सरकार ने गंगा की सफाई पर 13000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए. इसमें सबसे अधिक खर्चा उत्तर प्रदेश को दिया गया.

साल 2017 में तत्कालीन जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा था- यदि मेरे कार्यकाल में गंगा का पानी निर्मल नहीं हुआ तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगी. हुआ भी यही. उमा भारती राजनीति से बाहर हो गईं. लेकिन गंगा साफ नहीं हुई. रेलगाड़ी से लेकर बस तक में ठूंस-ठूंस कर भेजे गए कुंभ यात्रियों से पूछ लीजिए, संगम में गंगा कितनी साफ दिखी? VIP से नहीं, आम लोगों से.

ये भी पढ़ें- New Delhi Railway Station: मुसलमानों से खतरा बताने वाली सरकार में रोज़ाना क्यों मर रहे हिंदू?

आज उसी परम प्रतापी सरकार पर दिल्ली मीडिया भरोसा दिखा रही है. बिना यह पूछे कि ‘मां गंगा’ का क्या हुआ? यमुना की सफाई पर कुछ मशीनें नदी में दिखीं और मीडिया ले उड़ी. लग गई सरकार के प्रचार में. जबकि कुंभ भगदड़ से लेकर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ तक, सवाल खड़े हुए सरकार की प्रबंधन क्षमता पर. प्रबंधन में हर जगह बुरी तरह फेल होने वाली और उनके कमज़ोर प्रंबधन की टेस्टिंग का शिकार बनने वाली आम जनता की मौत को लेकर मीडिया ने सवाल पूछना बंद कर दिया. और बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरह ‘वाह मोदी जी वाह’ करने लगी. शायद जनता भी मान ही लेगी कि मोदी है तो मुमकिन है. क्योंकि उनके पास रील देखने का समय तो है लेकिन सरकार के वादे की सच्चाई को चेक करने का वक़्त नहीं है.

Last Updated on February 18, 2025 10:08 am

Related Posts