रूस-यूक्रेन के बीच लड़ी जा रही लड़ाई केवल दो देशों की है. या चुपके से कई देश कमज़ोर यूक्रेन के ख़िलाफ़ मज़बूत रूस का साथ दे रहे हैं. यह सवाल यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के दावों के बाद उठ रहे हैं. जिसमें कहा गया है कि चीनी नागरिक, इस युद्ध में रूसी सैनिकों के साथ लड़ रहे हैं. अगर यह सच है तो शांति के प्रति चीन की घोषित नीति और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य के तौर पर चीन की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है.
इससे पहले नॉर्थ कोरिया के सैनिक कुर्स्क इलाक़े में रूसी सैनिकों के साथ मिलकर यूक्रेन युद्ध में शामिल होने के भी आरोप लग चुके हैं. यूक्रेन के इस दावे को दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने भी सही ठहराया था. पिछले साल दिसंबर महीने में दक्षिण कोरिया, अमेरिका और यूक्रेन ने कहा था कि उत्तर कोरियाई सैनिक रूस के साथ बड़ी संख्या में युद्ध में शामिल हुए हैं और कई हताहत भी हुए हैं.
ख़बरों के मुताबिक़ उत्तर कोरिया के क़रीब 10 हज़ार सैनिक यूक्रेन के ख़िलाफ़ जंग के लिए रूस गए हैं. लेकिन फ़िलहाल बात यूक्रेनी राष्ट्रपति के उस दावे की जिसमें चीनी नागरिकों के रूसी सैनिक के साथ होने की बात कही गई है.
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ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है. इसमें सेना की वर्दी में दो ‘चीनी नागरिकों’ के यूक्रेनी सैनिकों के क़ब्ज़े में होने का दावा किया है. आगे की कार्रवाई जारी कहते हुए ज़ेलेंस्की ने लिखा, “हमारी सेना ने दो चीनी नागरिकों को पकड़ा है जो रूसी सेना का हिस्सा बनकर युद्ध में शामिल थे. यह यूक्रेन की सीमा में दोनेत्सक के इलाक़े में हुआ है. इन लोगों के पास पहचान पत्र, बैंक के कार्ड और निजी जानकारी भी मिली है.”
Our military has captured two Chinese citizens who were fighting as part of the Russian army. This happened on Ukrainian territory—in the Donetsk region. Identification documents, bank cards, and personal data were found in their possession.
We have information suggesting that… pic.twitter.com/ekBr6hCkQL
— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) April 8, 2025
ज़ेलेंस्की ने दावा किया है, “यूक्रेन के पास रूसी सेना में इन दो लोगों के अलावा, कई और चीनी नागरिकों के होने की सूचना है. हम इन तथ्यों की जांच कर रहे हैं. ख़ुफ़िया विभाग, यूक्रेन की सुरक्षा सेवा और सेना के संबंधित विभाग इसपर काम कर रहे हैं.”
राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा, “पुतिन युद्ध को जारी रखने का रास्ता तलाश रहे हैं. इसपर निश्चित तौर पर अमेरिका, यूरोप और शांति चाहने वाले हर देश से एक प्रतिक्रिया की ज़रूरत है. ”
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यूरोपीय देशों का मानना है कि रूस-यूक्रेन जंग के दौरान पुतिन को चीन से काफ़ी मदद मिली है. इसके बदले में रूस से गैस और तेल सबसे ज़्यादा चीन ने ही आयात किया है. तो क्या इसकी शुरुआत फ़रवरी 2022 में यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध शुरू होने के बाद ही हो गया था? जानकार बताते हैं कि पश्चिम के कड़े प्रतिबंधों ने रूस और चीन के बीच क़रीबी बढ़ाई.
Last Updated on April 9, 2025 9:08 am