किस मर्ज की दवा अजित डोभाल, इनके रहते पठानकोट-उरी-पुलवामा और अब पहलगाम हो गया?

अजित डोभाल के NSA रहते पठानकोट, उरी, पुलवामा और अब पहलगाम जैसे बड़े आतंकवादी हमले हो गए. गोदी मीडिया इन्हें जेम्स बॉन्ड बताता है.

अजित डोभाल किस मर्ज़ की दवा?
अजित डोभाल किस मर्ज़ की दवा?

सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसियां दो खेमों में बंटी हुई हैं, आधी गृह मंत्री अमित शाह को रिपोर्ट करती हैं और आधी NSA अजित डोभाल को. ये बात भी किसी से छुपी नहीं है कि अमित शाह और अजित डोभाल में आपस में सामान्य बातचीत तक नहीं है. इसका असर एजेंसियों के कामकाज पर भी पड़ना लाज़िमी है. IB, NATGRID, Counter Terrorism Centre अमितशाह को रिपोर्ट करती हैं तो RAW, DIA, NTRO, JIC अजित डोभाल को.

जॉइंट इंटेलिजेंस कमेटी के जरिये समस्त इंटेलिजेंट के प्रधानमंत्री के प्वाइंट पर्सन अजित डोभाल ही हैं. इन सभी एजेंसियों के पास दुनिया की सबसे बेहतर टेक्नोलॉजी है, अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों का डेटा भी इन्हें मिलता है, इनमें काम करने वाले हजारों लोग आम सरकारी कर्मचारियों\अफसरों से बेहतर सर्विस कंडीशन में हैं, सुविधाओं, ट्रेनिंग और खर्चों कोई रोकटोक नहीं हैं.

क्योंकि भारत अकेला लोकतांत्रिक देश है जहां इंटेलिजेंस एजेंसियां कानून के दायरे में नहीं आती तो संसद भी इनके काम की समीक्षा नहीं कर सकती. किसी के भी फोन, ईमेल में बिना इजाजत घुसने के तकनीकी इक्विपमेंट हैं और कानूनी अड़चन न के बराबर.

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इनसे कौन पूछेगा कि पहलगाम में आतंकी हमला कैसे हो गया? आपको खबर क्यों नहीं मिली. अजित डोभाल के NSA रहते पठानकोट, उरी, पुलवामा और अब पहलगाम जैसे बड़े आतंकवादी हमले हो गए. गोदी मीडिया इन्हें जेम्स बॉन्ड बताता है.

Broadcast Journalist & Media Expert प्रशांत टंडन (@PrashantTandy) के एक्स अकाउंट से.

Last Updated on April 24, 2025 6:41 pm

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