“कश्मीरी होटल-गाड़ी वालों-ड्राइवर ने पैसे नहीं लिए, गिद्ध एयरलाइंस ने 19,000 के टिकट बेचे”

खैर अब तो राजनीति चलती रहेगी कोई बोल रहा है जात नहीं, धर्म पूछा आदि आदि. ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है. जो चले गए उनके लिए बेहद दुःख है. ध्यान रखिए हजारों बचाए गए हैं सिर्फ लोकल सपोर्ट के कारण संभव हो पाया है. घोड़ा वाला, गाड़ी वाला और होटल वाला सभी का सपोर्ट शानदार था.

Pahalgam Attack: सुरक्षित बचे पर्यटक का संस्मरण
Pahalgam Attack: सुरक्षित बचे पर्यटक का संस्मरण

पहलगाम हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद से मीडिया का बड़ा वर्ग आतंक को हिंदू-मुस्लिम के एंगल से गढ़ने की कोशिश कर रहा है. हालांकि कई पर्यटक जो वहां मौजूद थे, इस दावे को ख़ारिज़ कर रहे हैं. कई वीडियो आप @newswalemuni के सोशल हैंडल पर भी देख सकते हैं. कॉपीराईट का मामला होने की वजह से हम सभी कंटेट को यूट्यूब पर नहीं डाल पाए हैं. सोशल मीडिया पर एक ऐसे ही दावे के साथ एक पोस्ट वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि यह पोस्ट आतंकी हमले के समय घटना स्थल पर मौजूद अमरेंद्र कुमार सिंह ने लिखा है.

पत्रकार कृष्णकांत ने अपने एक्स हैंडल पर इसी दावे के साथ पोस्ट डालते हुए लिखा-

“कल पहलगाम में मारे गए सभी लोगों को विनम्र श्रंद्धाजलि और ईश्वर उनके परिजन को दुख सहने की शक्ति दें. “जाको राखे साइयां, मार सके न कोई”. सुन कर खुशी मिलता है, पर जो बेकसूर लोग मारे गए जिनमें कम से कम 3 घोड़े वाले भी थे उनके लिए बेहद दुःख और गुस्सा भी है.

घटना स्थल से सिर्फ 300 से 400 मीटर पर घोड़े पर मोना और हम थे, अचानक गोलियों की तरतराहट और भागते लोग देख तुरंत समझ आ गया और जान प्राण ले कर हमारा भी घोड़ा वाला हमको ले कर भागा. फिर वापस होटल जो पहलगाम में ही था उसमें आ गया.

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टूर कल (बुधवार) से ही शुरू हुआ था और पहले दिन ही ये सब हो गया, फिर आगे का सारा प्रोग्राम छोड़ आज का टिकट ले कर वापस हो रहे हैं. फ्लाइट शाम की है अभी ही एयरपोर्ट आ गया.

आपसे अनुरोध है किसी बहकावे में ना आवें, न्यूज में सुना रेकी किया गया था, जब पता था तो होने क्यों दिए? वहां किसी भी सिक्योरिटी फोर्स से एक भी फोर्स की तैनाती नहीं थी.

खैर अब तो राजनीति चलती रहेगी कोई बोल रहा है जात नहीं, धर्म पूछा आदि आदि. ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है. जो चले गए उनके लिए बेहद दुःख है. ध्यान रखिए हजारों बचाए गए हैं सिर्फ लोकल सपोर्ट के कारण संभव हो पाया है. घोड़ा वाला, गाड़ी वाला और होटल वाला सभी का सपोर्ट शानदार था.

हालांकि गिद्ध लोग मौके के तलाश में रहते हैं. जहां होटल वाला पेमेंट नहीं लिया, गाड़ी वाला पैसे नहीं लिया, ड्राइवर रो कर जबरदस्ती करने पर टिप पकड़ा, वहीं श्रीनगर से दिल्ली दो टिकट का 38000 पे करना पड़ा.

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आतंक फैलाने वाले और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई चलती रहनी चाहिए और इसमें पूरे देश को एकजुट रहना चाहिए. सावधान रहिएगा. !!राजनीति चालू आहे!! जो चले गए ईश्वर उनको चरणों में जगह दें, विनम्र श्रंद्धाजलि. घटना से पहले की कुछ तस्वीर.”

Last Updated on April 24, 2025 7:24 pm

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