Economic Survey: FY23 में 8-8.5% रह सकती है GDP ग्रोथ, सरकार का अनुमान

वित्त मंत्री (Union finance minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) पेश किया है. जिसमें बजट से पहले अर्थव्यवस्था की स्थिति का लेखा जोखा दिया गया है. इस आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. वही NSO के मुताबिक आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रह सकती है.

सर्वेक्षण में सामने आया है कि विकास के मोर्चे पर, 33 प्रतिशत भारतीय चाहते हैं कि कृषि पर सबसे ज्यादा फोकस हो, जबकि 31 प्रतिशत लोग सड़कों और राजमार्गों पर प्रमुख फोकस का क्षेत्र बनाना चाहते हैं. सामाजिक मोर्चे पर 47 फीसदी भारतीय चाहते हैं कि बजट में स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाए.

समीक्षा के मुताबिक, 2022-23 का वृद्धि अनुमान इस धारणा पर आधारित हैं कि आगे कोई महामारी संबंधी आर्थिक व्यवधान नहीं आएगा, मॉनसून सामान्य रहेगा, कच्चे तेल की कीमतें 70-75 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेंने का अनुमान है.

समीक्षा में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है और यह 2022-23 की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है. निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए वित्तीय प्रणाली अच्छी तरह तैयार है. देश के बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त पूंजी मौजूद है. साथ ही बैंकों का NPA घटाने में कामयाबी हासिल हुई है.

20 साल पहली बार सरकारी कंपनी का निजीकरण 

आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि 20 साल में पहली बार किसी सरकारी कंपनी का निजीकरण हुआ और यह बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन, पवन हंस, आईडीबीआई बैंक, बीईएम और RINL की बिक्री के लिए रास्ता मजबूत करेगा. सरकार ने कुछ ही दिन पहले टाटा ग्रुप को एयर इंडिया (Air India) का स्वामित्व 18 हजार करोड़ रुपये में सौंप दिया था. इसमें 15,300 करोड़ रुपये कर्ज चुकता करने में किया जाएगा.

क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण?

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President ram nath kovind) के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री ने लोकसभा (Loksabha) में आर्थिक सर्वेक्षण को सदन के पटल पर रखा है. हर साल 1 फरवरी को बजट पेश किया जाता है. एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण को सामने रखा जाता है.

आर्थिक सर्वेक्षण बजट का मुख्य आधार होता है और इसमें अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर पेश की जाती है. दूसरे शब्दों में कहें तो आर्थिक सर्वेक्षण देश की आर्थिक सेहत का लेखा-जोखा होता है. इसके जरिए सरकार देश को अर्थव्यवस्था की हालत के बारे में बताती है.

Last Updated on January 31, 2022 11:48 am

Related Posts