Lockdown से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को भारी नुकसान, लोकसभा में बोले नारायण राणे

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कोरोना काल के बाद से लगातार मोदी सरकार पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की अनदेखी का आरोप लगाते रहे हैं. अर्थशास्त्रियों का एक खास वर्ग भी इस बात को उठाता रहा है कि मोदी सरकार की नाकामियों की वजह से सूक्ष्म, लघु उघोगों को काफी नुकसान हुआ है.

राहुल गांधी कहते रहे हैं कि भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSMEs) जगत ने नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की कई गलत नीतियों के कारण व्यापक नुकसान उठाया है. उन्होंने बताया की नोटबंदी, जीएसटी और कोविड-19 (COVID-19) लॉकडाउन के कारण इन उद्योगों को चौपट कर दिया.

हाल ही में सरकार की ओर से एक रिपोर्ट साझा की गई है जिससे यह साफ हो जाता है कि महामारी (pandemic) के दौरान लगाए गए लॉकडाउन ने MSMEs क्षेत्र को चौपट कर दिया.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) ने लोकसभा में बताया कि उनके मंत्रालय द्वारा एक सर्वे करवाया गया है.

इस सर्वे के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 67 फीसदी MSMEs तीन महीने से अस्थायी तौर पर बंद थे. इन बंद पड़ी इकाइयों में 50 फीसदी से अधिक ने अपने राजस्व में 25 फीसदी से अधिक की गिरावट का सामना किया.

नारायण राणे ने लोकसभा में कहा

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में MSMEs मंत्री नारायण राणे ने अध्ययन संबंधी डेटा साझा किया था. भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ( Development Bank of India SIDBI) द्वारा ये सर्वे किया गया था, जिसमें 20 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 1,029 MSMEs को नमूनों के तौर पर शामिल किया गया था.

सिडबी ने कोविड-19 महामारी के कारण MSMEs सेक्टर को हुए नुकसान का आकलन किया. रिपोर्ट से पता चलता है कि 67% MSMEs वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान तीन महीने से अस्थायी रूप से बंद थे और 50% से अधिक इकाइयों ने अपने राजस्व में 25% से अधिक की गिरावट का सामना किया. करीब 66% लोगों ने बताया कि उनके राजस्व और लाभ में गिरावट आई है.

MSMEs क्षेत्र में लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान के कारण बड़ी संख्या में MSMEs को सरकार की आपातकालीन ऋण योजना का सहारा लेना पड़ा.

सर्वे में पता चला है कि करीब 65% MSMEs ने आपातकालीन ऋण गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत लाभ उठाया है और करीब 36% ने भी सूक्ष्म और लघु उद्यम ऋण गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE) के तहत ऋण प्राप्त किया है.

नोटबंदी से असंगठित क्षेत्र को बड़ा नुकसान

अचानक हुई नोटबंदी से असंगठित क्षेत्र को एक बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. इससे तीन करोड़ लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. वहीं गलत तरीके से GST को लागू किया गया. जिसने अनौपचारिक या असंगठित क्षेत्र को बर्बाद कर दिया और सरकार की ओर से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली.

इसके बाद जब सोचा गया कि चीजें और खराब नहीं हो सकतीं, तो कोरोना महामारी आ गई और राष्ट्रीय लॉकडाउन लग गया. जिससे असंगठित क्षेत्र पूरी तरह से टूट गया.

Last Updated on February 9, 2022 2:52 pm

Related Posts