यूपी के लखीमपुर (lakhimpur) में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा (ashish mishra) की जमानत रद्द करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में सुनवाई पूरी हो गई है.
कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है. याचिकाकर्ताओं के वकील दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने की मांग की है.
न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ मामले पर सुनवाई कर रहे थे. पीठ ने कहा, ‘एक न्यायाधीश कैसे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर विस्तार से गौर कर सकते हैं? हम जमानत से जुड़े मामले पर सुनवाई कर रहे हैं, हम इसे लटकाना नहीं चाहते. इसके गुण-दोष आदि पर बात करना जमानत के लिए अनावश्यक है.’
न्यायालय ने जांच रिपोर्ट की अनदेखी की!
वहीं किसानों की ओर से पेश वकील ने जमानत रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि उच्च न्यायालय ने जांच रिपोर्ट की अनदेखी की और आरोपी को राहत देने के लिए केवल प्राथमिकी पर गौर किया.
इस महीने की शुरुआत में एक गवाह पर कथित हमले की घटना का जिक्र करते हुए, वकील ने मामले में एफआईआर पढ़ी, जिसमें लिखा था ‘अब भाजपा सत्ता में है देख तेरा क्या हाल होगा. हाईकोर्ट ने जमानत देते वक्त गैर-जरूरी चीजों पर ध्यान दिया, जबकि जरूरी चीजों की अनदेखी की.
सरकार ने जमानत का विरोध किया!
राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी अदालत में पेश हुए. उन्होंने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि एसआईटी की रिपोर्ट, जिसमें जमानत को चुनौती देने की सिफारिश थी, सरकार को भेज दी गई है.
जहां तक सबूतों से छेड़छाड़ की बात है, हमने गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराई है. जेठमलानी ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के सामने जमानत का विरोध किया था और राज्य सरकार का रुख अभी भी वही है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर शीर्ष अदालत ने 16 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार को अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया था. उसने 10 मार्च को राज्य सरकार को गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश दिया था.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के सदस्यों ने आशीष मिश्रा को जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 10 फरवरी को मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी. आशीष मिश्र टेनी चार महीने तक पुलिस हिरासत में रहा था.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी. इसमें चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है. आशीष को नौ अक्टूबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था.
आशीष मिश्रा पर किसानों को जानबूझ कर रौंदने और फायरिंग करने जैसे गंभीर आरोप लगे थे. किसान उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का विरोध कर रहे थे.
Last Updated on April 4, 2022 1:01 pm