6 अप्रैल को भगवा पार्टी का जन्मदिन था. इसी दिन 1980 में भगवा पार्टी की स्थापना की गई थी. स्थापना के बाद से लेकर आज तक यानि पिछले 41 सालों में भगवा पार्टी बमुश्किल 15 साल सत्ता में रही.
इसमें मोदी जी के साथ, अटल बिहारी वाजपेयी के भी छह साल भी शामिल हैं. अर्थात 15 सालों में 3000 करोड़ की संपत्ति. जो पहले का था वह नगण्य था.
आज देश की सभी राष्ट्रीय पार्टियों की कुल संपत्ति का 55 फीसदी हिस्सा अकेले भगवा पार्टी के पास है. यह आंकड़ा मेरा नहीं, ADR का है.
अब विपक्ष को देखते हैं.
छोटी पार्टियों को छोड़िए. कांग्रेस की बात करते हैं. कांग्रेस 135 साल पुरानी पार्टी है. कम से कम 50 साल तक देश की सत्ता में रही है फिर भी कांग्रेस की कुल संपत्ति 950 करोड़ से भी कम है. यह आंकड़ा भी मेरा नहीं बल्कि ADR का है.
सवाल यह है की कैसे हुआ यह चमत्कार?
बीजेपी की कार्यपद्धति देखिए. आप पाएंगे कि यह पार्टी किसी प्राइवेट फर्म या बड़ी कारपोरेट कंपनी की तरह काम करती है.
इसकी तुलना इतिहास में ईस्ट इंडिया कंपनी से ही जा सकती थी जिसका एक मात्र मकसद था अपना खजाना भरना, जनता को लूटना, सहयोगी राजे-रजवाड़ों और बनियों को लूट के मौके उपलब्ध करवाना.ब्रिटिश लुटेरों द्वारा दिए गए “डिवाइड एक रूल” फॉर्म्युले का प्रयोग भगवा पार्टी प्रचुर मात्रा में करती है.
वरिष्ठ पत्रकार विश्वदीपक की फेसबुक वॉल से
Last Updated on April 7, 2022 3:55 pm