भारतीय पारंपरिक दवाओं को मिलेगी नई पहचान… ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन

WHO के डायरेक्टर जनरल डॉ टेड्रोस घेब्रेयसस (Director-General Dr Tedros Adhanom Ghebreyesus) तीन दिन के गुजरात (Gujrat) दौरे पर भारत आएं हैं. वे यहां जामनगर में WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (जीसीटीएम) और ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट का उद्घाटन में शामिल हुए.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने लोगों को गुजराती में अभिवादन करते हुए कहा ‘डब्ल्यूएचओ-ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन’ कोई संयोग नहीं है. मेरे भारतीय शिक्षकों ने मुझे पारंपरिक दवाओं के बारे में अच्छी तरह से सिखाया और मैं उनका बहुत आभारी हूं. उन्होंने आगे कहा कि डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (जीसीटीएम) पारंपरिक दवाओं के साक्ष्य आधार को मजबूत करने के लिए विज्ञान की शक्ति का उपयोग करने में मदद करेगा.

जीसीटीएम समारोह में बोलते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, ‘यह वास्तव में एक वैश्विक परियोजना है. इसका अर्थ होगा है कि भारत पूरी दुनिया के पास जाएगा और पूरी दुनिया भारत आएगी.’ उन्होंने कहा कि नया केंद्र डेटा, नवाचार और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करेगा और पारंपरिक चिकित्सा के उपयोग का अनुकूलन करेगा.

डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस ने कहा कि केंद्र के पांच मुख्य क्षेत्रों में अनुसंधान एवं नेतृत्व, साक्ष्य एवं शिक्षा, डेटा एवं विश्लेषण, स्थायित्व एवं समानता तथा नवाचार एवं प्रौद्योगिकी शामिल होंगे.

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हम भारतीय वसुधैव कुटुंबकम और सर्वे संतु निरामयः की भावना से जीने वाले लोग हैं. पूरी दुनिया एक ही परिवार है और यह पूरा परिवार हमेशा निरोग रहे, ये हमारा दर्शन रहा है. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ-जीसीटीएम की स्थापना से यह परंपरा और समृद्ध होगी.

प्रधानमंत्री ने विश्व स्तर पर आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी नुस्खों की बढ़ती मांग के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि कई देश महामारी से निपटने के लिए पारंपरिक चिकित्सा पर जोर दे रहे हैं। इसी तरह, योग दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल कर रहा है.

Last Updated on April 20, 2022 2:54 pm

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