निकहत जरीन (Nikhat Zareen) बॉक्सिंग में इतिहास रच दिया है. जरीन ने 19 मई को वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप (World Boxing Championship) में भारत को ‘गोल्ड मेडल’ (Gold medal) दिलाया है.
भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन ने तुर्की के इस्तांबुल में चल रहे महिला विश्व चैंपियनशिप के फ्लाइवेट (52 किग्रा) वर्ग के एकतरफा फाइनल में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर विश्व चैंपियन बन गई हैं.
थाईलैंड की खिलाड़ी को हराया
जरीन ने 52 किलोग्राम भार वर्ग में थाईलैंड की खिलाड़ी को 5-0 से मात दी. गोल्ड जीतने के साथ ही जरीन के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. जरीन विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाले पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बन गई हैं.
मैरीकॉम भी जीत चुकीं है चैम्पियनशिप
25 साल की निकहत जरीन 5वीं भारतीय महिला बॉक्सर हैं, जिन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. बॉक्सिंग लीजेंड मैरीकॉम ने इस चैम्पियनशिप में 6 बार गोल्ड जीतकर रिकॉर्ड बनाया है. इस चैम्पियनशिप में मैरीकॉम, निखत के अलावा सरिता देवी, जेनी आरएल जैसे खिलाड़ियों ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
13 साल की उम्र से ही बॉक्सिंग सीखना शुरु
निकहत का जन्म 14 जून 1996 को तेलंगाना के निजामाबाद में हुआ था. उनके पिता मुहम्मद जमील अहमद और माता परवीन सुल्ताना हैं. निकहत ने 13 साल की उम्र से ही बॉक्सिंग सीखना शुरु कर दिया था और छह महीने के भीतर साल 2010 में करीमनगर में स्टेट चैम्पियनशिप का गोल्ड मेडल जीता था. जरीन से बड़ी उनकी दो बहने और भी है वे दोनों ही डॉक्टर हैं.
‘ये जीत मेरे माता-पिता के लिए है’
जीत के बाद मीडिया के साथ हुई एक वर्चुअल बातचीत में जरीन ने कहा, ये जीत मेरे माता-पिता के लिए है. मैं जब भी अपनी मां को फोन करती वो नमाज़ पढ़ कर आ रही होती थीं और मेरी जीत के लिए दुआ करती थीं.
ये दुआ ऊपर वाले ने क़ुबूल की, ये जीत ये गोल्ड उनका है. सबको पता है कि मेरे पिता ने मुझे कितना सपोर्ट किया है. मेरी जीत मेरे माता-पिता को समर्पित है. जब मेरा बुरा वक़्त चल रहा था तो मेरे साथ कोई नहीं था, लेकिन मेरे माता-पिता, मेरा परिवार मेरे साथ था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
इस बेहतरीन जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी निखत को बधाई देते हुए ट्वीट किया, ” हमारे मुक्केबाजों ने हमें गौरवान्वित किया है! महिला विश्व मुक्केबाज़ी चैम्पियनशिप में शानदार स्वर्ण जीतने के लिए मैं निखत ज़रीन को बधाई देता हूं. इसके साथ ही इस प्रतियोगिता में मनीषा मौन और परवीन हुड्डा को भी कांस्य जीतने के लिए बधाई.”
Last Updated on May 20, 2022 10:25 am