कोरोना महामारी (Corona pandemic) के बीच दुनिया में एक नई तरह की बिमारी अपनी जगह बना रही है. इस बिमारी को मंकीपॉक्स (monkeypox) कहा जा रहा है. दुनिया के कई देशों में इस बिमारी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
मंकीपॉक्स के मामले मई की शुरुआत में आना शुरू हुए है. यूनाइटेड किंगडम, बेल्जियम, इटली, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में अबतक केस सामने आ चुके हैं.
जो बाइडन ने जाहिर की चिंता
वहीं अमेरिकी के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलो को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यूरोप तथा अमेरिका में हाल में सामने आए मंकीपॉक्स के मामलों को लेकर ‘चिंतित होने की आवश्यकता है.’
चिंता की बात यह है कि अगर यह संक्रमण फैला तो इसके परिणाम भुगतने होंगे. अभी मुझे संक्रमण के प्रसार के बारे में नहीं बताया गया है लेकिन इसके बारे में हर किसी को चिंतित होना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि यह पता लगाने के लिए काम चल रहा है कि कौन-सा टीका इस बिमारी पर प्रभावी हो सकता है.
बाइडन दक्षिण कोरिया के ओसान हवाई अड्डे पर पत्रकारों द्वारा इस बीमारी के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे. राष्ट्रपति के रूप में एशिया की अपनी पहली यात्रा के क्रम में बाइडन ने जापान रवाना होने से पहले सैनिकों से मुलाकात की.
दुनियाभर में मिले मामले!
बता दें कि मंकीपॉक्स के मामले अफ्रीका के बाहर विरले ही देखने को मिलते हैं लेकिन शुक्रवार तक दुनियाभर में इसके 80 मामलों की पुष्टि हुई. इनमें से कम से कम दो मामले अमेरिका में सामने आए. हालांकि, यह बीमारी चेचक जैसी है लेकिन इसके लक्षण हल्के होते हैं. मरीज आम तौर पर अस्पताल में भर्ती हुए बिना दो से चार हफ्तों में ठीक हो जाते हैं लेकिन कभी-कभी यह बीमारी जानलेवा भी हो जाती है.
भारत सरकार अलर्ट मोड़ पर
मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार अलर्ट मोड़ पर है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और आईसीएमआर को स्थिति पर नजर रखने का निर्देश दिया है. साथ ही एयरपोर्ट और बंदरगाह के स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा गया है.
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को लेकर चिंता जाहिर की है और आपात बैठक बुलाने का फैसला किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैठक में वायरस के ट्रांसमिशन के तरीकों पर चर्चा की जाएगी.
मंकीपॉक्स क्या है ?
यह बिमारी चेचक की तरह वायरल संक्रमण के द्वारा फैलती है. यह बीमारी बंदरों में सबसे पहले पाई गई थी. अमेरिका सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के अनुसार सबसे पहले मंकीपॉक्स का मामला 1958 में आया था.
इंसानों में साल 1970 में पहली बार मंकीपॉक्स का मामला अफ्रीका में सामने आया था. वहीं साल 2003 में अमेरिका, 2018 में इजरायल व ब्रिटेन और 2019 में मंकीपॉक्स का मामला सिंगापुर में सामने आ चुका है.
Last Updated on May 22, 2022 4:03 pm