सबसे बड़े लोकतंत्र और आस्थाओं की विविधता के घर भारत में धार्मिक स्थलों पर हमले बड़े- अमेरिकी रिपोर्ट

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US Secretary of State Antony Blinken) का मानना है कि भारत (India) में हाल के दिनों में लोगों के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं. यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका (America) के विदेश मंत्री ने इस तरह का कोई बयान दिया हो.

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संसद को सौंपी गई अपनी वार्षिक रिपोर्ट को पेश करते हुए ये ब्लिंकन ने ये बयान दिया. बता दें कि ये रिपोर्ट अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा दुनिया भर में स्थित उनके दूतावासों के इनपुट के आधार पर संकलित की जाती है.

यही नहीं ब्लिंकन ने म्यांमार, चीन, इरिट्रिया, सऊदी अरब, अफगानिस्तान और पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा कि इन एशियाई देशों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों तथा महिलाओं को भी निशाना बनाया जा रहा है.

‘धार्मिक स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाते रहेंगे’

इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘अमेरिका दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाना जारी रखेगा. हम ऐसा करने के लिए अन्य सरकारों, बहुपक्षीय संगठनों और नागरिकों के साथ काम करते रहेंगे.’

‘हमारा मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी लोगों को उस आध्यात्मिक परंपरा का अनुसरण करने की स्वतंत्रता हो, जो उनके लिए मायने रखती हो.’ साथ ही ब्लिंकन ने कहा कि इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकार कैसे खतरे में हैं.

सबसे बड़े लोकतंत्र में सबसे अधिक हमले!

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ‘उदाहरण के तौर पर भारत में, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और जहां कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं, वहां हम लोगों और धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ते देख रहे हैं. वियतनाम में अधिकारी गैर-पंजीकृत धार्मिक समुदायों का उत्पीड़न कर रहे हैं.

नाइजीरिया में अनेक राज्य सरकारें अपनी आस्था का पालन करने पर लोगों को दंडित करते के लिए उनके खिलाफ मानहानि और ईशनिंदा कानून का सहारा ले रही हैं.’

चीन कर रहा है धार्मिक स्थलों को नष्ट 

उन्होंने कहा, ‘चीन उन अन्य धर्मों को मानने वालों का लगातार उत्पीड़न कर रहा है, जिन्हें वह चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के सिद्धांत के अनुरूप नहीं मानता. वह बौद्ध, ईसाई, इस्लाम और ताओ धर्म से जुड़े धार्मिक स्थलों को नष्ट कर रहा है.

साथ ही ईसाई, मुसलमान, तिब्बती, बौद्ध और फालुन गोंग समुदाय के लोगों की रोजगार तथा आवास तक पहुंच को बाधित कर रहा है.’

ब्लिंकन ने कहा, ‘अफगानिस्तान में तालिबान के राज में धार्मिक स्वतंत्रता के हालात तेजी से खराब हुए हैं. तालिबान ने खास तौर पर महिलाओं, लड़कियों की शिक्षा, कामकाज आदि के मूलभूत अधिकारों को धर्म के नाम पर समाप्त किया है.’

ब्लिंकन ने पाकिस्तान के बारे में कहा

ब्लिंकन ने पाकिस्तान के बारे में कहा कि साल 2021 में विभिन्न अदालतों ने 16 लोगों को ईशनिंदा के जुर्म में मौत की सजा सुनाई है. हालांकि, मुल्क में अभी किसी को भी सजा नहीं दी गई है.’ अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भरोसा दिलाया कि अमेरिका दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाता रहेगा.

रिपोर्ट में मोहन भागवत का भी जिक्र

इस रिपोर्ट में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का भी उल्लेख किया गया है. भागवत के पिछले साल जुलाई में दिए गए एक बयान का जिक्र किया गया है. उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि भारत में हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक ही है और उन्हें धर्म के आधार पर अलग नहीं किया जाना चाहिए.’

इससे पहले इसी साल अप्रैल में ब्लिंकन ने भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाया था. तब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि उनका देश भारत में सरकारी अधिकारियों द्वारा मानवाधिकरों के हनन के बढ़ते मामलों पर नजर रखे हुए है.

भारत करता रहा है खंडन

अमेरिका की तरफ से पेश इन रिपोर्टस् का भारत हमेशा से खंडन करता रहा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर पिछले महीने जब अमेरिका के दैरे पर थे तब उन्होंने कहा था कि भारत को भी अमेरिका में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर चिंता है.

Last Updated on June 4, 2022 6:56 am

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