डीजल के दाम 25 रुपये लीटर बढ़े, बंद हो सकते हैं खुदरा पंप… इन पर होगा बुरा असर

Diesel Price Hike: थोक उपभोक्ताओं (Bulk Users) के लिए डीजल कीमतों (Diesel Price) में 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. सूत्रों के हवाले से इस खबर की पुष्टि की गई है. इसके मुताबिक थोक ग्राहकों (Bulk Users) को बिक्री वाला डीजल 25 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल (Cruide oil) की कीमतों में 40 प्रतिशत के उछाल के बाद यह कदम उठाया गया है.

मुंबई में थोक उपभोक्ताओं के लिए डीजल का दाम बढ़कर 122.05 रुपये प्रति लीटर हो गया है. पेट्रोल पंपों पर डीजल 94.14 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है.

इसी तरह दिल्ली में पेट्रोल पपों पर डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर है जबकि थोक या औद्योगिक ग्राहकों के लिए इसकी कीमत 115 रुपये प्रति लीटर है.

मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने कहा कि रिकॉर्ड 136 दिन से ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है जिसकी वजह से कंपनियों के लिए इन दरों पर अधिक ईंधन बेचने के बजाय पेट्रोल पंपों को बंद करना अधिक व्यावहारिक विकल्प होगा.

वर्ष 2008 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बिक्री घटकर ‘शून्य’ पर आने के बाद अपने सभी 1,432 पेट्रोल पंप बंद कर दिए थे.

इस महीने पेट्रोल पंपों की बिक्री में 20 प्रतिशत का उछाल आया है. बस बेड़े के परिचालकों और मॉल जैसे थोक उपभोक्ताओं ने पेट्रोल पंपों से ईंधन खरीदा है. आमतौर पर वे पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे ईंधन की खरीद करते हैं. इससे ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों का नुकसान बढ़ा है.

हालांकि, पेट्रोल पंपों के जरिये बेचे जाने वाले डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

इस फैसले का सबसे अधिक प्रभाव नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल जैसी कंपनियां हुई हैं. बिक्री बढ़ने के बावजूद इन कंपनियों ने अभी तक मात्रा में कमी नहीं की है. लेकिन अब पंपों के लिए परिचालन आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह जाएगा.

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने चार नवंबर, 2021 से पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए हैं. हालांकि, इस दौरान वैश्विक स्तर पर ईंधन कीमतों में उछाल आया है. माना जा रहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई.

विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आ गए हैं, लेकिन उसके बाद भी संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की वजह से फिलहाल कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है.

थोक उपभोक्ताओं के लिए दरों और पेट्रोल पंप कीमतों में 25 रुपये के बड़े अंतर की वजह से थोक उपभोक्ता पेट्रोल पंपों से ईंधन खरीद रहे हैं. वे पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे टैंकर बुक नहीं कर रहे हैं. इससे पेट्रोलियम कंपनियों का नुकसान और बढ़ा है.

Last Updated on March 20, 2022 10:01 am

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