देश के युवा आए दिन नौकरी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरते हैं और पुलिस की लाठी खाने के बाद वापस लौट जाते हैं. छोटे शहरों के युवाओं की मुश्किल यह है कि वह अपनी ज़िंदगी का एक बड़ा हिस्सा सरकारी नौकरी की चाहत में निकाल देते हैं. सरकारी नौकरी मिली तो ठीक, नहीं तो फिर निजी कंपनियों में छोटी-मोटी नौकरी कर अपना गुजर बसर करते हैं.
यानी पढ़ाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी उनका भविष्य संवर नहीं पाता है. अक्सर लोग यह कहते पाए जाते हैं कि सरकारी नौकरी है कहां? क्या आप जानते हैं कि देश के सिर्फ सरकारी बैंकों में 41 हजार से भी अधिक पद खाली हैं? खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात की पुष्टि की है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को एक सवाल के जवाब में बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कुल स्वीकृत पदों में से पांच प्रतिशत या 41,177 पद खाली हैं. सीतारमण द्वारा लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिये गये आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में 8,05,986 से अधिक पद स्वीकृत हैं.
इन खाली पदों में सबसे अधिक खाली पद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में हैं, जिनकी संख्या 8,544 है. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि पंजाब और सिंध बैंक में 2016 में एक पद को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एक भी पद को समाप्त नहीं किया गया है.
ऐसे में युवा टकटकी लगाए इंतज़ार कर रहे हैं कि 41 हजार पदों के लिए नौकरी का अवसर, आधिकारिक आंकड़ों से निकलकर उनके जीवन में कब प्रवेश करेगा? कहीं ऐसा ना हो कि जब तक उनके सामने मौक़ा आए, उनके आवेदन की उम्र सीमा ही समाप्त हो चुकी हो.
Last Updated on December 14, 2021 4:15 am