हरियाणा के चरखी दादरी जिले के बधरा गांव में 27 अगस्त को एक प्रवासी मजदूर की पीट-पीटकर हत्या कर दी जाती है. क्योंकि कथित गोरक्षक समूह को शक था कि ग़रीब मजदूर ने बीफ़ खाया है. वहीं हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी कहते हैं कि लोगों के मन में गोमाता के लिए आस्था है. उनकी भावनाएं जुड़ी हुई हैं. ऐसी कोई ख़बर आती है, तो गांव के लोग प्रतिक्रिया करते हैं. हमने गोमाता की सुरक्षा के लिए कड़ा कानून बनाया है.
सीएम ने कहा, ‘मॉब लिंचिंग जैसी बातें ठीक नहीं हैं. हमने गोमाता के संरक्षण के लिए विधानसभा के अंदर भी कड़ा कानून बनाया है. गोमाता पर कोई समझौता नहीं है. गांव में गोमाता के लिए इतनी श्रद्धा है कि अगर उनको पता चल जाए कि इस प्रकार का ये हालात कर रहे हैं (गो हत्या), तो वो गांव के लोग हैं, इनको कौन रोकता है. लेकिन इस प्रकार की घटनाएं नहीं होनी चाहिए. ये घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं. मैं उन लोगों से भी कहना चाहूंगा कि वो इस प्रकार के संसाधनों में संलिप्त न हों, उससे बचना चाहिए.’
सवाल उठता है कि क्या यह कथित गोरक्षक समूह सरकार की देखरेख में चलाया जा रहा है? क्या यह सरकारी नौकरी है? क्या हरियाणा का कोई बेरोज़गार नवयुवक यह नौकरी ज्वाइन कर सकता है? क्या सरकार इसके एवज में इन समूहों को सैलरी देती है? यह काम किस श्रेणी में आता है? अगर नहीं तो इन कथित गोरक्षकों को पीट-पीट कर हत्या करने की इज़ाजत किसने दी?
क्या ये गोरक्षक समूह हरियाणा के बड़े-बड़े होटलों में जाकर भी यह देखते हैं कि कौन क्या खा रहा है. क्या बड़े होटलों के शेफ़ इन कथित गोरक्षकों के सामने डिश बनाने से पहले अनुमति लेते हैं कि यह गोमांस है या नहीं सर्टिफाइड कर दिया जाए. दूसरी बात अगर समूह को शक था तो पुलिस के पास लेकर जाना था. आपने यह कैसे तय किया कि उस मज़दूर नें बीफ़ ही खाया था. फिर तो कोई भी अपनी पुरानी दुश्मनी निकालने के लिए किसी को इस शक में मार सकता है?
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तीसरी बात अगर राज्य के अंदर गोमाता की सुरक्षा के लिए क़ानून है तो एक क़ानून बनाकर सभी स्लॉटर हाउस बंद कर दे. अगर राज्य सरकार अनुमित नहीं देगी तो प्रदेश में गोमांस मिलना ही बंद हो जाएगा. यूपी में पिछले साल 6 स्लॉटर हाउस को बिना नोटिस दिए बंद करा दिया गया था. जिसके बाद नवंबर 2023 में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर नाराज़गी जताई. इतना ही नहीं केंद्र ने CM Yogi के मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव को इस बारे में जवाब देने को भी कहा था.
यानी केंद्र की मोदी सरकार स्लॉटर हाउस को चलाने की अनुमति दे रही है. क्या इस मामले को लेकर भी CM नायब सिंह सैनी विरोध दर्ज़ कराएंगे. अगर नहीं तो फिर एक मज़दूर की जान लेने की इज़ाजत इन कथित गोरक्षकों को क्यों?
अच्छी बात यह है कि हरियाणा पुलिस की भावनाएं आहत नहीं हुई और उन्होंने क़ानून के तहत काम किया. कथित गोरक्षक समूह के 5 आरोपियों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. इनके अलावा 2 नाबालिग़ आरोपियों को भी पकड़ा है.
#WATCH | On Charkhi Dadri case, Haryana CM Nayab Singh Saini says, “It is not right to say things like mob lynching, because a strict law has been made in the Assembly for cow protection and there is no compromise on it…I want to say that such incidents should not happen and… https://t.co/HmN0dreFmC pic.twitter.com/OrJZTt7CVo
— ANI (@ANI) August 31, 2024
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कथित गोरक्षक समूह के अभिषेक, मोहित, रविंदर, कमलजीत और साहिल ने पीड़ित साबिर मलिक को प्लास्टिक की बोतलें बेचने के बहाने एक दुकान पर बुलाया. फिर उसकी पिटाई की. जब कुछ लोगों ने हस्तक्षेप किया तो आरोपी पीड़ित साबिर मलिक को दूसरी जगह ले गए. उसके साथ फिर से मारपीट की. जिससे उसकी मौत हो गई.
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सवाल उठता है कि रोज़ी-रोटी कमाने की तलाश में पश्चिम बंगाल से आए इस साबिर ने भला किसी का क्या बिगाड़ा था. चरखी दादरी जिले के बधरा गांव के पास एक झुग्गी में रहता था. पेट भरने के लिए कचरा और कूड़ा इकट्ठा करता था. उससे ऐसा क्या ग़ुस्सा कि उसे पीट-पीट कर मार दें. गाय के कथित रक्षक, इंसान को इंसान तक नहीं समझ पा रहे.
Last Updated on August 31, 2024 9:42 pm