मुर्शिदाबाद में बवाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश मिलकर फैला रहे हैं आग?

ISI ने दूसरा फ्रंट इस्लामिक रैडिकलाइजेशन का खोला हुआ है. इस फ्रंट पर वो जमात-ए-इस्लामी और दूसरे इस्लामिक संगठनों के साथ काम कर रही है. ISI का एसेसमेंट है कि 1971 में बंगला आइडेंटिटी मुस्लिम आइडेंटिटी पर हावी हो गई थी, जिसके चलते उन्हें इस हिस्से को खोना पड़ा था.

ISI का नया प्रॉक्सी फ्रंट और मुर्शिदाबाद के दंगे ? (PC-AI created)
ISI का नया प्रॉक्सी फ्रंट और मुर्शिदाबाद के दंगे ? (PC-AI created)

Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में पिछले दो दिन से हालात गंभीर बने हुए हुए हैं. शुक्रवार को वफ्क बिल को लेकर शुरू हुए प्रदर्शन की शुरूआती झड़पें स्टेट पुलिस के साथ हुई. लेकिन देखते ही देखते यह प्रदर्शन सांप्रदायिक हो गया. मुर्शिदाबाद के धुलियान में सबसे ज्यादा तनाव है. यहां 80 फीसदी के लगभग आबादी मुस्लिम है. इसके अलावा फरक्का, सुति,शमशेरगंज इलाके में भी लगातार तनाव बना हुआ है.

मालदा-मुर्शिदाबाद में बांग्लादेश से सटे हुए बॉर्डर पर एक पूरी पट्टी है जहां मुस्लिम बहुसंख्यक है. यहां पहले PFI और SDPIकाफी सक्रिय रही है.एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया है कि दंगे किसी सुनियोजित साजिश की तरह लग रहे हैं. दंगों के पीछे PFI का पुराना नेटवर्क सक्रिय है. जो लोग दूकान और घर लूट रहे हैं, वो स्थानीय नहीं है. उन्हें बहार से बुलाया जा रहा है ताकि स्थानीय लोग उनकी शिनाख्त ना कर सके. दंगाई लगातार मोलोतोव कॉकटेल या पेट्रोल बम का इस्तेमाल कर रहे हैं.

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी #ISI बांग्लादेश में लगातार सक्रिय है. पश्चिम बंगाल को लेकर लगतार सांप्रदायिक तनाव की इंटेलिजेंस मिल रही थी. ऐसे में वफ्क बिल ISI के लिए एक अच्छी फ़ॉल्टलाइन साबित हो सकता है.

सूत्रों के मुताबिक ISI ने पाकिस्तान में दाउद इब्राहीम के नेटवर्क को फिर से सक्रीय किया है. इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के मुताबिक दाउद इब्राहीम का नेटवर्क 500 और 200 के नकली नोट छाप रहा है. इन नोटों को चीनी वेसल के जरिए कराची से चटग्राम लाया गया था. ISI इसे बंगलादेश की मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट DGFI की मदद से भारत में स्मगल करने की फिराक में है.

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इसके अलावा ISI ने अपने प्रॉक्सी वॉर नेटवर्क के कुछ लोगों को भी बंगलादेश भेजने की खबरें भी आ रही हैं. ताकि वो अंसार-उल बंगला टीम और हिज्ब-उल-तहरीर जैसे नॉन स्टेट एक्टर्स के संगठन को मजबूत किया जा सके और यह भारत के लिए खतरे की घंटी है.

ISI ने दूसरा फ्रंट इस्लामिक रैडिकलाइजेशन का खोला हुआ है. इस फ्रंट पर वो जमात-ए-इस्लामी और दूसरे इस्लामिक संगठनों के साथ काम कर रही है. ISI का एसेसमेंट है कि 1971 में बंगला आइडेंटिटी मुस्लिम आइडेंटिटी पर हावी हो गई थी, जिसके चलते उन्हें इस हिस्से को खोना पड़ा था. लेकिन इस बार वो इस भूल को सुधारने की हरसंभव कोशिश कर रही है.

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पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश और वेस्ट बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में रैडिकल इस्लामिक सेक्ट अहले हदीस ने अपनी जड़ें मजबूती से जमा ली हैं. इस्लामिक रेडिकलाइजेशन की तरफ बढ़ता बांग्लादेश भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है.

पत्रकार-रिपोर्टर vinay sultan के एक्स पेज (@vinay_sultan) से…

Last Updated on April 13, 2025 10:19 am

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