Jammu-Kashmir: पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग

कश्मीर की आवाम को अब तय करना होगा कि क्या वे इंसानियत के साथ हैं या उन पाकिस्तानी एजेंटों के साथ जो उनकी सरज़मीन को लहूलुहान कर रहे हैं. जिस तरह पंजाब ने आतंकवाद को जड़ से खत्म किया, वैसी ही एकजुटता कश्मीर को भी दिखानी होगी.

आतंकी हमले के ख़िलाफ़ एकजुट कश्मीर
आतंकी हमले के ख़िलाफ़ एकजुट कश्मीर

Jammu-Kashmir Terrorist Attack: पिछले 35 सालों में मैंने पहलगाम जैसे अनगिनत कत्लेआम देखे हैं—कभी बतौर चश्मदीद, कभी रिपोर्टर की नजर से. 1990 में कश्मीरी पंडितों का घाटी से विस्थापन देखा. फिर डोडा, किश्तवाड़, भद्रवाह, रामबाण, पूंछ, राजौरी, रियासी और उधमपुर तक फैले वो खौफनाक मंजर. छत्तीस सिंहपोरा और बंधहमाहा में हुए नरसंहारों की भी रिपोर्टिंग की. लेकिन आज जो हुआ, वो रूह को झकझोर देने वाला है.

आतंकियों ने इस बार टूरिस्ट्स को निशाना बनाया. वो लोग जो सिर्फ कश्मीर की खूबसूरती देखने, सुकून पाने, और अपने हनीमून को यादगार बनाने आए थे. उन्हें चुन-चुनकर गोलियों से भून दिया गया. आखिर इन सैलानियों ने आतंकियों का क्या बिगाड़ा था? उन्होंने कोई ज़मीन नहीं खरीदी, कोई नारा नहीं दिया. सिर्फ कुछ दिन कश्मीर में रहकर उसकी मेहमाननवाज़ी का लुत्फ उठाना चाहा.

कौन सा धर्म बेगुनाह, निहत्थे सैलानियों को मारने की इजाज़त देता है? क्या पाकिस्तान और उसके भेजे आतंकवादी इसका जवाब देंगे?

इस नवविवाहित जोड़े की तस्वीर देखकर रोना आता है. क्यों आए थे ये यहां हनीमून मनाने? काश किसी ने इन्हें रोका होता.

इस बार फर्क है. इस बार कश्मीर की जनता चुप नहीं है. पहलगाम और घाटी के कई इलाकों में आतंकियों के खिलाफ सड़कों पर लोग उतर आए हैं.
यह पहली बार है जब कश्मीर में भी आतंकियों के खिलाफ आवाज बुलंद हो रही है.

जम्मू के बाद अब कश्मीर घाटी में भी विपक्षी दलों ने बंद का ऐलान किया है. महबूबा मुफ्ती और मीरवाइज उमर फारूक जैसे नेता भी इस बार कश्मीर बंद के समर्थन में हैं.

कश्मीर के लोग कह रहे हैं—”यह इंसानियत का कत्ल है. हमारी मेहमाननवाज़ी का कत्ल है.”

अब समय है कि हम सब मिलकर इस कातिलाना हमले की कड़ी निंदा करें. कश्मीर की आवाम को अब तय करना होगा कि क्या वे इंसानियत के साथ हैं या उन पाकिस्तानी एजेंटों के साथ जो उनकी सरज़मीन को लहूलुहान कर रहे हैं. जिस तरह पंजाब ने आतंकवाद को जड़ से खत्म किया, वैसी ही एकजुटता कश्मीर को भी दिखानी होगी.

अब और चुप रहना, कत्ल को मौन समर्थन देना होगा.

TV Journalist and former President ,Press Club of Jammu अश्विनी कुमार के फेसबुक पेज से… 

Last Updated on April 23, 2025 9:57 am

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