Rajasthan:अलवर ज़िले में पुलिस के पैरों तले कुचलकर एक महीने की बच्ची की मौत?

इमरान ने घटना की पूरी जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस के जाने के बाद उसकी पत्नी रजीदा ने देखा कि चारपाई पर सो रही अलिस्बा के मुंह और नाक से ख़ून बह रहा था. चेहरे पर जूते के निशान थे. जब तक उन्होंने बच्ची को देखा था तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

Infant crush to death during Rajasthan Police raid (Imaginary Image)
Infant crush to death during Rajasthan Police raid (Imaginary Image)

Rajasthan के अलवर ज़िले से एक दिल दहलाने वाली ख़बर आई है. आरोप है कि एक महीने की बच्ची की मौत पुलिस टीम के पैरों तले कुचलकर हो गई है. बच्ची की मां का आरोप है कि जब पुलिस की टीम वापस गई तो बच्ची के चेहरे पर जूते के निशान थे और मुंह-नाक से ख़ून बह रहे थे. हालांकि अभियुक्त पुलिसकर्मियों ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

क्या है मामला?
दो मार्च. दिन रविवार. सुबह के क़रीब छह बजे थे. तभी नौगावां पुलिस थाने से कुछ पुलिसकर्मी इमरान मेव के घर आए. दावा है कि वे साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रहे थे. इसी क्रम में उन्होंने इमरान के घर की भी तलाशी ली.

इमरान के मुताबिक जब पुलिस आई तभी उसकी एक महीने की बच्ची अल्सिबा घर में चारपाई पर सो रही थी. पुलिसकर्मी आए और उसके भाई को जगाया. भाई का फ़ोन चेक किया और इमरान के कमरे के दरवाज़े को खटखटाया. जैसे ही इमरान की पत्नी ने दरवाज़ा खोला, पुलिस ने सभी को धक्का देते हुए बाहर कर दिया और सभी अंदर घुस गए.

इमरान के मुताबिक पुलिसकर्मियों ने चारपाई पर चढ़कर उसे पलंग से खींचा और कहा कि लोकेशन ट्रेस हो रही है. बाद में पुलिस ने कमरे की तलाशी ली, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला.

इमरान ने BBC को बताया, “मैं मज़दूरी कर परिवार पालता हूं. लेकिन, वह मुझे अपने साथ ले गए और गांव की मुख्य सड़क तक ले जाकर छोड़ दिया. दो गाड़ियों में क़रीब पंद्रह पुलिसकर्मी थे.”

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इमरान ने घटना की पूरी जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस के जाने के बाद उसकी पत्नी रजीदा ने देखा कि चारपाई पर सो रही अलिस्बा के मुंह और नाक से ख़ून बह रहा था. चेहरे पर जूते के निशान थे. जब तक उन्होंने बच्ची को देखा था तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

इमरान के बड़े भाई शौक़ीन मेव ने भी आरोप लगाते हुए कहा, “मेरी भतीजी को पुलिस वालों ने पैरों से दबा कर मार दिया.”

पुलिस ने क्या कहा?
रामगढ़ डिप्टी एसपी सुनील शर्मा ने BBC को बताया कि इमरान पर कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं है.

सवाल उठता है कि अगर मुकदमा दर्ज नहीं है तो इमरान के घर पर रेड क्यों मारी? इसके जवाब में डिप्टी एसपी सुनील शर्मा कहते हैं, “हमारे पास फ़ोन की लोकेशन आ रही थी, उसी लोकेशन के आधार पर पुलिस ने उस इलाके में और आसपास रेड मारी थी. इस मामले में दो नामजद पुलिसकर्मियों और एक अज्ञात के ख़िलाफ़ भारतीय न्याय संहिता की धारा के तहत एफ़आईआर दर्ज की गई है.”

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नामजद पुलिसकर्मी हेड कॉन्स्टेबल ने क्या कहा?

एफ़आईआर में नामजद पुलिसकर्मी हेड कॉन्स्टेबल जगवीर गुर्जर बताते हैं, “हमारे सिपाही के पास साइबर फ्रॉड करने वालों की लोकेशन आ रही थी. हमने दो मार्च की सुबह छह से सात बजे के करीब उस गांव के दो घरों में सर्च किया था, वहां कुछ नहीं मिला तो वापस आ गए.”

“मस्जिद के पास की गली की एक लोकेशन आ रही थी, सिपाही के पास आ रही लोकेशन के आधार पर वहां सर्च किया तो वहां कुछ नहीं मिला. मुझे तो मालूम भी नहीं कि इमरान का घर कौन सा है.”

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जगवीर दावा करते हैं, “मौक़े पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. हमारे वापस आने के बाद में हमें नहीं पता कि क्या हुआ और क्यों उन्होंने आरोप लगाए हैं.”

बता दें, इस घटना के बाद से ग्रामीणों में पुलिस के खिलाफ आक्रोश है. वे रघुनाथगढ़ की मुख्य सड़क किनारे बीते दो हफ्ते से धरने पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि पूरे नौगावां थाने को सस्पेंड किया जाए और दोषी पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो.

Last Updated on March 15, 2025 9:21 am

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