Kanpur: डूबता रहा शख़्स, गोताखोर 10,000 रुपये ट्रांसफर होने का करता रहा इंतज़ार

परिजन गुहार लगाते रहे कि शख़्स पानी में बह कर दूर चला जाएगा. प्लीज़ तुम पहले उसे बचा लो. हम यहीं हैं पैसा लेकर नहीं भागेंगे. इस देरी में शख़्स को बचाना मुश्किल हो जाएगा. लेकिन गोताखोर की शर्त थी जब तक परिजन 10000 रुपये भेज ना दें, वह गंगा में कूदेगा नहीं.

UP Kanpur Deputy Director Drowned In Ganga
UP Kanpur Deputy Director Drowned In Ganga

Uttar Pradesh: Kanpur स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी (डिप्टी डायरेक्टर) आदित्यवर्धन सिंह गंगा में बह रहे थे. गंगा किनारे गोताखोर खड़े थे. लेकिन वो बचाने नहीं कूदे. क्योंकि परिजनों के पास दस हज़ार रुपये कैश नहीं थे. पैसा कैसे दें. गोताखोर ने एक दुकानदार का नंबर ढूंढा, लिखवाया. फिर चेक करवाया कि इसी नंबर पर भेजना है या किसी और नंबर पर. तब तक परिजन गुहार लगाते रहे कि शख़्स पानी में बह कर दूर चला जाएगा. प्लीज़ तुम पहले उसे बचा लो. हम यहीं हैं पैसा लेकर नहीं भागेंगे. इस देरी में शख़्स को बचाना मुश्किल हो जाएगा. लेकिन गोताखोर की शर्त थी जब तक परिजन 10000 रुपये भेज ना दें और वह स्क्रीनशॉट देख ना लें, तब तक गंगा की तरफ़ देखेगा भी नहीं.

जब तक पैसे नज़दीक के दुकानदार के अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर हुए, तब तक देर हो चुकी थी. आदित्यवर्धन सिंह नदी में बह कर काफी दूर चले गए थे. पैसे लेने के बाद गोताखोर कूद तो गए लेकिन उसे आदित्यवर्धन सिंह की बॉडी तक नहीं मिली.

परिजनों का आरोप है कि अगर गोताखोर तुरंत रेस्क्यू करते तो आदित्यवर्धन (45) को बचाया जा सकता था. लेकिन उन्होंने पहले पैसे ट्रांसफर करवाए, फिर रेस्क्यू में जुटे. इस तरह उन्होंने अपनी दिहाड़ी तो रेस्क्यू कर ली लेकिन एक जान चली गई.

ये भी पढ़ें- Uttarakhand: युवा पत्रकार योगेश डिमरी पर शराब तस्करों ने किया जानलेवा हमला, FIR तक नहीं

मामला कानपुर के नानामऊ घाट का है जो बिल्हौर कोतवाली के अंतर्गत आने वाले नानामऊ घाट का है. शनिवार को आदित्यवर्धन सिंह गंगा में नहाने गए थे. इस दौरान पैर फिसला और वो नदी में डूब गए. तब से गोताखोरों की टीम, NDRF, SDRF, PAC और जल पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है. 72 घंटे बाद भी बॉडी का पता नहीं चला है.

जो शख़्स डूबा वह कोई आम आदमी नहीं था. वह ख़ुद तो अधिकारी थे ही, उनकी पत्नी महाराष्ट्र में जज हैं. वह भी तभी घटनास्थल पर मौजूद थीं. उनके चचेरे भाई बिहार में सीनियर IAS ऑफिसर हैं. माता-पिता आस्ट्रेलिया में उनकी बहन के साथ थे. सभी कानपुर पहुंच गए हैं.

ये भी पढ़ें- Kerala: जितना बड़ा Breast, उतना ज्यादा Tax; जब विरोध में महिला ने काट लिया था स्तन

सवाल उठता है कि क्या भारत देश में जीवन की कोई क़ीमत नहीं है. राम और बुद्ध की इस धरती पर पैसों के बिना जीवन की कोई क़ीमत नहीं है.

राइटर और सोशियो-पॉलिटिकल एक्टिविस्ट Hansraj Meena के एक्स पेज (@HansrajMeena) से.

डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए Newsmuni.in किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है.

Last Updated on September 2, 2024 9:57 pm

Related Posts