कहीं आप भी कैंसर बढ़ाने वाला रासायनिक तरबूज तो नहीं खा रहे, इन 7 टेस्ट से करें पहचान?

गर्मी में तरबूज खाना भले ही शरीर को ठंडक और एनर्जी देता हो, लेकिन अगर आप गलती से केमिकल मिला तरबूज खा बैठे- तो यह सेहत के लिए ज़हर साबित हो सकता है. बाजार में ऐसे मिलावटी तरबूज घातक बीमारियों का कारण बन सकते हैं. खाने से पहले पहचान करना बेहद ज़रूरी है!

मिलावटी फल खाने से हो सकता है कैंसर!
मिलावटी फल खाने से हो सकता है कैंसर!

पिछले साल एक मामला सामने आया था. जहां कथित तौर पर मिलावटी तरबूज (Watermelon) खाने के बाद एक युवती की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. हालांकि, इस तरह की घटनाएं बहुत कम होती हैं और किसी भी मौत के पीछे केवल मिलावटी तरबूज को जिम्मेदार ठहराना तभी सही होगा जब मेडिकल जांच से इसकी पुष्टि हो.

लेकिन यह बात साफ है कि रंग या रसायन मिलाए गए तरबूज (Watermelon) या कोई भी नकली फल सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. इनसे पेट में गड़बड़ी, एलर्जी, और अगर लंबे समय तक खाया जाए तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है.

👉 कैसे पहचानें कि तरबूज (Watermelon) असली है या मिलावटी:
1. कॉटन टेस्ट करें:
एक टुकड़ा काटें और उसे सफेद सूती कपड़े या रुई पर रगड़ें.
अगर कपड़ा लाल या गुलाबी रंग छोड़ने लगे, तो यह संकेत हो सकता है कि तरबूज में कृत्रिम रंग मिलाया गया है- जैसे कि एरिथ्रोसिन (E127) या रोडामाइन बी.
प्राकृतिक रंग (लाइकोपीन) ऐसे नहीं फैलते.

2. पानी में डालकर देखें:
तरबूज (Watermelon) के एक टुकड़े को एक गिलास साफ पानी में रखें.
अगर कुछ मिनटों में पानी का रंग बदल कर गुलाबी या लाल हो जाए, तो यह मिलावट का संकेत हो सकता है.

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3. स्वाद और टेक्सचर पर ध्यान दें:
अगर तरबूज (Watermelon) बहुत लाल दिखे लेकिन स्वाद फीका हो, या अजीब सी गंध और बनावट हो, तो यह केमिकल से पकाए जाने का संकेत हो सकता है.

4. फील्ड स्पॉट की जांच करें:
असली पका हुआ तरबूज जमीन से टच होने वाले हिस्से में पीले या क्रीम रंग का धब्बा रखता है. अगर यह धब्बा सफेद या हरा हो, तो समझें कि फल पूरी तरह से नहीं पका है और शायद उसे रासायनिक तरीके से पकाया गया है.

5. जल्दी खराब होना:
अगर तरबूज (Watermelon) दो-तीन दिन में ही सड़ने या बदबू देने लगे, तो हो सकता है उसमें रसायन डाले गए हों.

6. डंठल को गौर से देखें:
सूखा और गहरा डंठल पके फल का संकेत होता है. अगर डंठल हरा और ताजा है, तो शायद फल अधपका तोड़कर बाद में कृत्रिम रूप से पकाया गया हो.

7. सतह पर निशान:
अगर तरबूज (Watermelon) की बाहरी परत पर दरारें, चमकदार धब्बे या सुई जैसे निशान दिखें, तो हो सकता है इसमें केमिकल इंजेक्शन दिए गए हों.

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✅ सुरक्षित तरबूज के लिए कुछ ज़रूरी सुझाव:
सिर्फ भरोसेमंद दुकानदार या लोकल किसान से ही तरबूज खरीदें, खासकर जैविक (ऑर्गेनिक) उत्पादों को प्राथमिकता दें. तरबूज को खाने से पहले अच्छी तरह धोएं और छीलकर खाएं ताकि बाहरी रसायन हट जाएं. अगर शक हो, तो नजदीकी खाद्य सुरक्षा विभाग से संपर्क करें और सैंपल की जांच कराएं.

Public Health Expert | Campaigner for Healthy Jharkhand- Dr Anuj Kumar के एक्स हैंडल (@dranuj_k) से…

डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता के लिए News Muni ज़िम्मेदार नहीं है.

Last Updated on April 13, 2025 7:48 am

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