क्या यह संयोग है ?
कि मोदी ने कल ही कहा कि वह चाहते हैं कि हर खेत के ऊपर ड्रोन नाचे और कल ही उनके दोस्त अडानी ने जनरल एयरोनॉटिक्स में 50 फीसदी की हिस्सेदारी खरीद ली. खरीद बेच की पूरी प्रक्रिया जुलाई के अंत तक पूरी हो जाएगी.
मोदी ने बेशक खेती के लिए ड्रोन का नाम लिया लेकिन मेरा मानना है कि असली खेल होगा डिफेंस ड्रोन की सौदेबाजी में. जिस देश में किसान दो जून की रोटी नहीं जुटा पा रहा है, दिल्ली जैसे गंदे और घटिया शहर में मजदूर बनने के लिए बेबश है वह ड्रोन खरीदेगा? अडानी आगे चलकर डिफेंस ड्रोन के लिए सेना के साथ डील करेगा.
बंगलुरु की कंपनी जनरल एयरोनॉटिक्स खेती और डिफेंस ड्रोन बनाती है. ड्रोन का बाज़ार आने वाले दौर में बहुत बड़ा होने वाला है. यूं समझिए कि जिस तरह से एक दौर में कच्चे तेल को सोना बनाया जाता था उसी तरह आने वाले वक्त में आर्टिफीशियल इंटलीजेंस भी सोना उगलेगा. इससे अडानी अपना खजाना भरेगा और मोदी जी चुनाव जीतेंगे.
पोर्ट, एयरपोर्ट, अन्न भंडारण के बाज़ार पर कब्जा करने के बाद अब अडानी इस नए उभरते हुए क्षेत्र में अपना पहला कदम रख चुका है.
जनता के सबसे निचले हिस्से को पांच किलो अनाज देंगे. बीच वाले तबके को ज्ञानवापी और काशी-मथुरा. सबसे ऊपर वाले को ड्रोन का ठेका. बाकी को विश्वगुरु का लेमनचूस. यही है क्रोनी कैपिटलिज्म यानि याराना पूंजीवाद.
कल की भागम भाग के बीच एक मिनिट के लिए मोदी के ड्रोन वाले बयान पर निगाह गई तो शक हुआ लेकिन पुष्टि रात को हो पाई.
इस देश का प्रधानमंत्री अपना ईमान पूरी तरह से गिरवी रख चुका है. उसे रत्ती भर फर्क नहीं पड़ता कि उसने इस देश के कार्यकारी प्रमुख होने के नाते निष्पक्षता की शपथ ले रखी है, कि उसे कम से कम खुले मंच से किसी कारपोरेट के पक्ष में नहीं बोलना चाहिए.
वरिष्ठ पत्रकार विश्व दीपक की फेसबुक वॉल से…
Last Updated on May 29, 2022 4:22 pm