आतंकवाद पर कोई ठोस वादा मिले बिना सीज़फायर कैसे, asaduddin owaisi के 4 बड़े सवाल?

काश हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सीज़फायर की घोषणा करते, न कि किसी विदेशी देश के राष्ट्रपति. हम शिमला समझौते (1972) के बाद से तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध करते रहे हैं. अब हमने इसे क्यों स्वीकार किया?

Ceasefire पर ओवैसी के चार सवाल?
Ceasefire पर ओवैसी के चार सवाल?

भारत-पाकिस्तान के बीड सीज़फायर की अधिकारिक घोषणा हुई. ये अलग बात है कि उसके बाद भी पाकिस्तान की तरफ से सीमावर्ती इलाक़े में बमबारी होती रही. लेकिन इस सीज़फायर को लेकर कई सारे सवाल उठ रहे हैं. AIMIM प्रमुख Asaduddin Owaisi ने एक्स हैंडल पर कुछ महत्वपूर्ण सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने लिखा,

“जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए अपनी ज़मीन का इस्तेमाल करता रहेगा, तब तक स्थायी शांति संभव नहीं है. सीज़फायर हो या न हो, हमें पहलगाम हमले के लिए ज़िम्मेदार आतंकवादियों का पीछा नहीं छोड़ना चाहिए. जब जब बाहरी आक्रमण हुआ है मैं सरकार और सशस्त्र बलों के साथ खड़ा रहा हूं, यह समर्थन हमेशा रहेगा.

मैं हमारी सशस्त्र सेनाओं की बहादुरी और उनकी प्रशंसनीय कुशलता के लिए आभार प्रकट करता हूं. मैं सेना के जवान एम. मुरली नायक, एडीडीसी राज कुमार थापा को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करता हूं और संघर्ष के दौरान मारे गए या घायल हुए सभी लोगों के लिए दुआ करता हूं.

आशा करता हूं कि यह सीजफायर सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कुछ राहत देगा.

मैं यह भी आशा करता हूं कि भारतीय और भारतीय राजनीतिक दल पिछले दो हफ्तों से कुछ सबक लेंगे. भारत तब मज़बूत होता है जब भारतीय एकजुट होते हैं. हमारे दुश्मन तब फ़ायदा उठाते हैं जब भारतीय आपस में लड़ते हैं.

मेरे कुछ सवाल हैं, और मुझे उम्मीद है कि सरकार इनका स्पष्टीकरण देगी:

ये भी पढ़ें- Shaila-Himanshi: देश की दो बेटियां, नफ़रत से भिड़ीं… अब रेप की धमकियां!

1. काश हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सीज़फायर की घोषणा करते, न कि किसी विदेशी देश के राष्ट्रपति. हम शिमला समझौते (1972) के बाद से तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध करते रहे हैं. अब हमने इसे क्यों स्वीकार किया? मुझे उम्मीद है कि कश्मीर मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंच पर नहीं जाएगा, क्योंकि यह हमारा आंतरिक मामला है.

2. हम किसी तीसरे स्थान पर बातचीत करने को क्यों तैयार हुए हैं? इन बातों का एजेंडा क्या होगा? क्या अमेरिका गारंटी देता है कि पाकिस्तान अपनी ज़मीन का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं करेगा?

3. क्या हमने पाकिस्तान को भविष्य में आतंकवादी हमलों से रोकने का उद्देश्य प्राप्त किया? क्या हमारा लक्ष्य ट्रंप-द्वारा मध्यस्थता से सीज़फायर कराना था या पाकिस्तान को इस स्थिति में लाना था कि वह किसी और हमले का सपना भी न देख सके?

ये भी पढ़ें- देशभक्ति का कारोबार और देशद्रोह की बोली, आज़ादी के 75 साल बाद का सच!

4. हमें पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में बनाए रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियान जारी रखना चाहिए.”

Last Updated on May 11, 2025 9:02 am

Related Posts